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कौन है शहबाज शरीफ

पाकिस्तानी कप्तान इमरान खान की सत्ता से विदाई हो चुकी है और अब उनकी जगह शहबाज शरीफ सत्ता में आ रहे हैं। कल प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी ताजपोशी होनी है। जिसकी कवायद के रूप में आज उन्होंने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। उनके मुकाबिल पीटीआई ने इमरान सरकार में मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी को मैदान में उतारा है। ये तो हम सभी जानते हैं कि शहबाज शरीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के अध्यक्ष हैं। ऐसे में आज आपको बताते हैं इमरान सरकार की नींद उड़ाने वाले शरीफ की पूरी कहानी।

23 सितंबर 1951 को कश्मीरी परिवार में शहबाज शरीफ का जन्म हुआ। 1985 में लाहौर चैंबर्स ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्री के अध्यक्ष बनते हैं। साल 1988 में पंजाब प्रांतीय विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करते हैं। साल 1990 में जब विधानसभा भंग होती है तो शहबाज शरीफ की सदस्यता भी चली जाती है। 1990 में ही शरीफ नेशनल असेंबली का चुनाव जीतते हैं। उसके बाद 1993 में पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद विपक्ष के नेता के तौर पर चुने जाते हैं। साल 1997 में पहली बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बनते हैं। लेकिन इसके ठीक दो साल बाद पाकिस्तान का सियासी घटनाक्रम एक अलग मोड़ ले लेता है। 1999 में उनके भाई नवाज शरीफ का तख्तापलट हो जाता है। जिसके  बाद शहबाज शरीफ सऊदी अरब में शरण लेते हैं।

साल 2007 में पाकिस्तान वापस लौटते हैं। जिसके बाद उन्हें एनकाउंटर के मामले में जमानत मिलती है। जिसके बाद के वर्ष शहबाज शरीफ के राजनीतिक करियर के लिए बेहद अहम रहे। साल 2008 से 2017 तक यानी दो कार्यकाल के लिए उन्होंने पीएमएल नवाज की तरफ से पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर प्रांतीय राजनीति करते रहे। 2018 के आम चुनाव के बाद पीएमएल एन के अध्यक्ष बनाए गए। साल 2017 में नवाज शरीफ पाकिस्तान छोड़कर चले गए थे। उनके ऊपर करप्शन के आरोप लगे थे। जिसके शहबाज शरीफ ने कमान संभालते हुए राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री ली।

शहबाज शरीफ पेशे से एक बिजनेसमैन हैं। वो संयुक्त रूप से इत्तेफाक ग्रुफ के मालिक हैं। ये समूह एक करोड़ डॉलर का स्टील समूह है। सितंबर 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार शहबाज शरीफ के परिवार की संपत्ति 30 साल में 2 करोड़ रुपये से बढ़कर 7 हजार करोड़ रुपये हो गई थी। इसके साथ ही वो पाकिस्तान के सबसे अमीर लोगों की सूची में भी आते हैं।

साल 2020 में मनी लॉन्ड्रिंग केस में शहबाज शरीफ की गिरफ्तारी होती है। जिसके ठीक एक साल बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट के द्वारा उनकी रिहाई होती है। अब जो कुछ भी घटनाक्रम हो रहा है यानी 2022 में इमरान विरोधी गठबंधन की ओर से नए पीएम बनने के लिए तैयार हैं।

शहबाज शरीफ कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगलते आए हैं। शहबाज ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ भी कई विवादित बयान दिए थे। शहबाज शरीफ ने एक बार कहा था कि मोदी सरकार कश्मीर में अत्याचार कर रही है। एक बयान में तो शहबाज शरीफ ने यहां तक कह दिया था कि भारत जब भी जी 20 देशों की बैठक में जाता है तो मेरे दिल में तीर लग जाता है। शहबाज ने कहा था कि मैं ये बर्दाश्त नहीं कर सकता कि पीएम मोदी जी 20 बैठक में जाते हैं और हम खड़े-खड़े तमाशा देखते हैं। इसी तर्ज पर पाकिस्तानी पीएम बनने से पहले शहबाज शरीफ ने एक बार फिर अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। पीएम उम्मीदवार शहबाज शरीफ ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं होने तक भारत के साथ संबंध सामान्य नहीं होंगे।

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