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महिला बंध्याकरण की तुलना में काफी आसान और सुरक्षित है पुरुष नसबंदी

” अब पुरुष भी निभायेंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखाएंगे अपनी भागीदारी ” की थीम पर 14 से परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा

– 14 से 20 नवंबर तक दंपति संपर्क सप्ताह
– 21 नवंबर से 04 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी सेवा पखवाड़ा

मुंगेर-

” अब पुरुष भी निभायेंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखाएंगे अपनी भागीदारी ” की थीम पर मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 14 नवंबर से 04 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जाएगा । इस दौरान 14 से 20 नवंबर तक जिला भर में दंपति संपर्क सप्ताह मनाया जाएगा। इसके तहत आगामी 14 – 15 नवंबर तक स्वास्थ्य मेला आयोजित करने के साथ मीडिया ब्रीफिंग, सारथी (ई. रिक्शा) जागरूकता रथ का परिचालन एवम दंपति सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद 21 नवंबर से 04 दिसंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के तहत पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन जिला भर के सभी अस्पतालों और प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर किया जायेगा। मालूम हो कि प्रत्येक महीने 21 तारीख को उपलब्ध दिशा निर्देश के अनुसार जिला के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सभी क्रियाशील हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाता है।

महिला बंध्याकरण की तुलना में काफी आसान और सुरक्षित है पुरुष नसबंदी :
जिला के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉ आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण की तुलना में काफी आसान और सुरक्षित है । यह प्रक्रिया बिना चीरा और टांके के मात्र आधा घंटा से भी कम समय में पूरा हो जाता है। इसके बाद लाभार्थी आराम से अपने घर जा सकते हैं। जिला के सभी सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा पूरी तरह से निःशुल्क उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि महिला पर घर के साथ – साथ बच्चों की भी जिम्मेदारी होती है। बंध्याकरण होने के बाद उन्हें आवश्यक आराम भी नहीं मिल पाता है। ऐसी परिस्थिति में पुरुषों की भी नैतिक और पारिवारिक जिम्मेदारी बनती है कि वो पुरुष नसबंदी के लिए आगे आएं।

महिला बंध्याकरण की तुलना में पुरुष नसबंदी करवाने पर मिलती है अधिक प्रोत्साहन राशि :
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजी ने बताया कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि भी रखी गई है। नसबंदी करवाने पर पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपया मिलता है वहीं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 400 रुपया मिलता है। वहीं महिला बंध्याकरण करवाने पर महिला लाभार्थी को 2000 रुपया और प्रेरक को 300 रुपया की प्रोत्साहन राशि मिलती है। उन्होंने बताया कि एनएसवी विधि के द्वारा किए जाने वाले पुरुष नसबंदी में न तो चीरा लगता है, न टांका लगता है और न ही पुरुष की पौरुष क्षमता में कमी या कमजोरी होती है। यह सरल ऑपरेशन, दक्ष सर्जन के द्वारा मात्र 10 मिनट में कर दिया जाता है। ऑपरेशन के दो दिनों के बाद से लाभार्थी सामान्य कार्य एवम सात दिनों के बाद भारी काम कर सकते हैं।

पिछले दो मिशन परिवार विकास अभियान में पुरुष नसबंदी में मुंगेर ने पूरे बिहार में प्राप्त किया लगातार दूसरा स्थान :
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक (डीसीएम ) निखिल राज ने बताया कि 11 से 31 जुलाई और 12 से 24 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान के तहत चले परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान दोनों बार मुंगेर जिला ने राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। पहली बार 11 से 31 जुलाई तक चले परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान मुंगेर जिला ने निर्धारित लक्ष्य 55 की तुलना में 52 लोगों की पुरुष नसबंदी करवाकर पूरे बिहार में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। वहीं दूसरी बार 12 से 24 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान मुंगेर जिला ने निर्धारित लक्ष्य 55 से अधिक 76 लोगों की पुरुष नसबंदी करवाकर पूरे बिहार में लगातार दूसरी बार दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस बार पूरे मुंगेर में कुल 105 लोगों की पुरुष नसबंदी करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें से 15 लोगों का एमसीएच, डीएच और एसडीएच में और शेष 90 लोगों की प्रत्येक प्रखंड 10 लोगों के हिसाब से सभी 9 प्रखंड में कुल 90 लोगों की पुरुष नसबंदी करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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