राजनीती

अखिलेश यादव ने करहल से किया नॉमिनेशन, कहा-ये ‘नॉमिनेशन’ एक ‘मिशन’  है, अगली सदी का इतिहास लिखेंगे


  • पहली बार लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

मैनपुरी/इटावा, यूपी की आवाज।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल विधानसभा चुनाव से नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन करने से पूर्व अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह यादव के चरण छूकर आशीर्वाद लिया।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है। सोमवार सुबह 10:30 बजे इटावा के सैफई से विजय रथ पर सवार होकर अखिलेश मैनपुरी कलेक्ट्रेट में नामांकन करने निकले। अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। नामांकन से पहले अखिलेश ने ट्विटर हैण्डिल पर लिखा कि ये ‘नॉमिनेशन’ एक ‘मिशन’ है क्योंकि यूपी का ये चुनाव प्रदेश और देश की अगली सदी का इतिहास लिखेगा। आइए प्रोग्रेसिव सोच के साथ सकारात्मक राजनीति के इस आंदोलन में हिस्सा लेंज् नकारात्मक राजनीति को हराएं भी, हटाएं भी।
अखिलेश यादव के साथ करहल विधानसभा से मौजूदा विधायक सोबरन सिंह यादव, मैनपुरी लोकसभा से पूर्व सांसद तेज प्रताप भी विजय रथ पर सवार थे।
करहल विधानसभा सीट का इतिहास बताता है कि 1957 से अब तक यहां सिर्फ एक बार 2002 में भाजपा जीती है। 1980 में यह सीट एक बार कांग्रेस के खाते में भी गई है। 1957 के पहले चुनाव में यहां प्रजा सोशलिस्ट पार्टी जीती थी। उस समय यहां दो सीटें हुआ करती थीं। 1985 से 2002 तक यहां बाबू राम यादव विधायक रहे। खास बात ये है कि वे 1985 से 1989 तक लोक दल से, 1989 से 1991 तक जनता दल से, 1991 से 1992 तक जनता दल (सेक्युलर) से और फिर 1993 से 2002 तक समाजवादी पार्टी से विधायक रहे।
इस सीट पर यादव वोटर्स करीब 38 फीसदी हैं, वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 6 फीसदी है। इस सीट पर 7 फीसदी ब्राह्मण, 9 फीसदी ठाकुर और 17 फीसदी स्ष्ट मतदाता हैं। खास बात है कि इस सीट पर शाक्य वोटर्स की संख्या 13 फीसदी के करीब है।

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