राजनीती

करहल से विधानसभा जा सकते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य, सपा की इस रणनीति का समझिए मतलब

लखनऊ, यूपी की आवाज।
फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की हार के बाद की स्थिति पर चर्चा शुरू हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि अखिलेश यादव अपनी सांसदी नहीं छोड़ेंगे। विधायकी छोडऩे की स्थिति में करहल सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी की जा रही है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावका रोमांच अभी खत्म नहीं होने वाला है। अभी भी चुनाव के ऐसे कई किरदार हैं, जिनकी राजनीतिक गोटी सेट करने की कोशिश होगी। इसी में से एक नेता हैं स्वामी प्रसाद मौर्य। मौर्य भले ही फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हों, लेकिन उन्हें विधानसभा पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। अखिलेश यादव ने संकेतों में साफ कर दिया है कि वे अपनी सांसदी नहीं छोड़ेंगे। ऐसे में विधायकी से ही इस्तीफा देंगे। वे इस चुनाव में करहल विधानसभा सीट से उम्मीदवार थे। ऐसे में इस सीट से स्वामी को उतार कर उन्हें विधानसभा तक पहुंचाने की कोशिश होगी।
समाजवादी पार्टी यूपी चुनाव 2022 में शानदार प्रदर्शन करने में कामयाब रही है। पार्टी भले ही सत्ता में नहीं आई, लेकिन इस चुनाव ने पार्टी को कई नए संकेत दिए हैं। इन संकेतों के आधार पर पार्टी भविष्य की राजनीति को गढऩे का प्रयास करेगी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 47 सीटों पर जीत मिली थी। इस बार 111 सीटें सपा के खाते में आई हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में सपा को 21.82 फीसदी वोट मिले थे।
यूपी चुनाव 2022 में सपा को 32.06 फीसदी वोट मिले। इस हिसाब से देखा जाए तो पार्टी को करीब 11 फीसदी वोट शेयर और ढाई गुना अधिक सीटों का इजाफा हुआ है। इसने समाजवादी पार्टी को एक नई उम्मीद दी है। इसके पीछे सपा के कोर वोट बैंक मुस्लिम-यादव में पिछड़ा, अति पिछड़ा और दलित वोट बैंक का जुडऩा कारण रहा। इसमें बड़ी भूमिका स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके साथ आए नेताओं की रही है। इसलिए पार्टी उन्हें उचित सम्मान देने की तैयारी कर रही है।

अखिलेश नहीं छोड़ेंगे सांसद पद

समाजवादी पार्टी के सीनियर नेताओं के रुख और स्वयं अखिलेश यादव के संकेतों से साफ है कि वे सांसद पद नहीं छोड़ेंगे। इसका सबसे बड़ा कारण पूर्वांचल में सपा को मिला वोटरों का सहयोग है। आजमगढ़ जिले की सभी 10 सीटों पर सपा उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया, जहां से अखिलेश सांसद हैं। ऐसे में उनके सामने विकल्प विधायकी छोडऩे का होगा। स्वामी प्रसाद मौर्य को वे अपनी सीट से उतार कर जीत दिलाने का प्रयास करेंगे। करहल विधानसभा सीट से अखिलेश ने 67,504 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। ऐसे में पार्टी को भरोसा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए यह सीट सेफ जोन होगी।

 

अखिलेश और स्वामी की मुलाकात से बढ़ी चर्चा

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य की रविवार को बैठक हुई है। इसमें स्वामी के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर प्रत्याशी बनाए जाने के मुद्दे पर चर्चा होने की बात कही जा रही है। इसके बाद सपा ने स्वामी को विधानसभा भेजने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है। हालांकि, पहले से करहल सीट से सोबरन सिंह यादव के चुनावी मैदान में उतारे जाने की चर्चा चल रही थी। उन्होंने इस सीट पर 2002 से 2017 तक लगातार चार चुनाव जीता। लेकिन, अब ओबीसी वोट बैंक में अपनी पैठ और बढ़ाने के लिए सपा की ओर से यह दांव खेला जा रहा है।

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