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गर्भ समापन की अवधि 20 से 24 सप्ताह तक बढ़ाये गए  कानून के बारे में दी गई जानकारी

:   मुंगेर स्थित श्री कृष्ण सेवा सदन में कार्यशाला का किया गया आयोजन
मुंगेर-
जिला मुख्यालय स्थित श्री कृष्णा सेवा  सदन गुरुवार को आईपास और साझा प्रयास नेटवर्क के सहयोग से  एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें 12 लोग उपस्थित रहे । इस अवसर पर आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के डायरेक्टर रामचंद्र राय और मानिद कुमार सिंह कि उपस्थिति सुरक्षित गर्भसमापन कि विशेष श्रेणी की महिलाओं के गर्भ समापन की अवधि 20 से 24 सप्ताह तक बढ़ाये गए कानून के बारे में विस्तार पूर्वक
जानकारी दी । इस अवसर पर बताया गया कि 1971 से पूर्व किसी भी प्रकार का गर्भ समापन को अवैध माना जाता था। उस समय गर्भ समापन के लिए बड़ी
कठिनाइयां होती थी। अनेक तरह के घरेलू उपायों से गर्भ समापन करने को प्रक्रिया में महिलाओं की मृत्यु तक हो जाती थी। उसे रोकने के लिए 1971 में एमटीपी एक्ट बना। इसके बाद से
सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया की शुरू हुई। उससे पहले अज्ञानता के कारण गर्भवती महिलाओं कि मृत्यु दर में कुछ खास कमी नहीं हो रही थी। उन्होंने बताया कि 1971 के प्रावधानों के अनुसार गर्भ समापन कई शर्तों के साथ वैध माना गया एवम एमटीपी एक्ट में 2021 में संशोधन किया गया। जिससे विशेष श्रेणी के महिलाओं के लिए 24 सप्ताह तक के गर्भ को शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को
मान्य किया गया है। किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता कि
स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी।
इस अवसर पर बताया गया कि 20 सप्ताह तक एमटीपी के लिए एक आरएमपी और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो आरएमपी की राय चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि इस दौरान गोपनीयता को भी कड़ाई से बनाए रखा जाना आवश्यक है। लिंग जांच के आधार पर गर्भपात कानुनन अपराध है। आदि कई बातो की जानकारी दिये ।

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