नई दिल्ली, 13 अप्रैल, 2022 – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो सच्चाई को नजरअंदाज करके दिल्ली मेंबेहतर स्वास्थ्य मॉडल की प्रशंसा क्यों कर रहे है यह समझ से परे है। केजरीवाल दिल्ली सरकार के कुप्रबंधन, अक्षमता और निष्क्रियमता के कारण सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचारचरम पर है जिसकी तस्वीर कोरोना काल में पहले ही उजागर हो चुकी है, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण बेड, आईसीयू बेड, आक्सीजन की कमी के कारण हजारों लोगों की मौत हुईथी।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का उदाहरण पिछले दिनो जीबी पंत अस्पताल की नर्सों ने प्रशासनिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और अनियमितता काआरोप लगाया जिसके खिलाफ नर्सों ने धरना दिया। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली सरकार के इस बड़े अस्पताल में भ्रष्टाचार का यह रुप है तो दूसरे सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार केभयावह स्तर की कल्पना ही की जा सकती है कि केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार के आंकठ में डूबी है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यही हालात दिलशाद गार्डन के ताहिरपुर स्थित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में है जहां अयोग्य डॉक्टरों द्वारा एंजियोग्राफी करने व स्टेंट लगवाने के बादकरीब 101 मरीजों की मौत चौंकाने वाली घटना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा में इस संबध में सवाल उठाने पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बिना कोई जिम्मेदारी लिए बेहदसरल तरीके से इसकी जांच के लिए एक जांच पैनल का गठन किये जाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार को ताहिरपुर अस्पतालमें हुई मौतों की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय पैनल निर्दोष लोगों की मौतों के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज करके दोषियों को को बर्खास्त किया चाहिए।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल के मुख्यमंत्रीत्व में 30 नवम्बर 2021 तक सिर्फ एक अस्पताल में 8638 मौतें हुई है और दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सर्जनों औरवरिष्ठ डॉक्टरों की कमी के कारण अस्पतालों में मौत का तांडव दिनचर्या की बात बन गया है और अस्पतालों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत करने वालों पर अस्पतालप्रबंधन केजरीवाल के इशारे पर पर उल्टा शिकायतकर्ता पर ही कार्यवाही कर रहे है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए महत्वपूर्ण उपकरण विभिन्न खराबियों के कारण निष्क्रिय पड़े हैं, परंतु संबंधित अधिकारी इन्हें ठीक करानेया इन्हें बदलने के लिए कोई संवदेनशीलता नही दिखा रहे है और स्वास्थ्य प्रबंधन की लापरवाही के कारण निर्दोष मरीज लगातार शहीद हो हो रहे है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली के “रोजगार बजट“ में पांच साल में 20 लाख नौकरियां का वादा किया है पूरी तरह से दिल्लीवालों को गुमराह करने के लिए है।क्योंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 के बाद पांच साल के शासन में 8 लाख नौकरियां देने के वादे को नही निभाया। उन्होंने कहा कि यह विडंबना यह है कि दिल्ली राज्य कैंसरसंस्थान में कुल 820 पदों में से 439 खाली पड़े हैं। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कोविड –19 महामारी के दौरान, सरकारी अस्पतालों में इतनी अधिक मौतें हुई कि मुर्दाघर और श्मशानभूमि जगह तक नही बची थी जबकि सरकारी आंकड़े कम करके दशाऐ गए।