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देश में आज स्किलफुल एजुकेशन की जरूरत है जिसकी पूर्ति सीईजीआर कर रहा है- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद

– सीईजीआर विगत दस वर्षों में कई मिसाल कायम किए- प्रो. केके अग्रवाल, चेयरमैन, एनबीए
-सीईजीआर का 10 वां वार्षिक स्थापना दिवस का भव्य आयोजन हुआ संगरिला होटल नईदिल्ली में
ऩईदिल्ली-
देश आज स्किलफुल एजुकेशन की जरूरत है जिसकी पूर्ति के लिए सेंटर फोर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च लगातार प्रयास कर रहा है। यह बात सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने सेंटर फॉर एजुकेशन गोथ एंड रिसर्च, सीईजीआर का 10 वें वार्षिक स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज देश में तेजी से एजुकेशन में बदलाव आ रहा है जिसके लिए सरकार ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी लाई है। जिसपर आज देश के शिक्छाविद् कार्य कर रहे हैं।
सीईजीआर के दसवें हायर सम्मिट के उद्घाटन सत्र में राज्यसभा सांसद डॉक्टर अहमद अशफाक करीम ने संबोधित करते हुए कहा कि देश में तेजी से एजुकेशन में बदलाव आया है। खासतौर एजुकेशनिस्ट की ज्यादा जिम्मेदारी बढ़ गई है। जिसके हम सब प्रयास कर रहे हैं।
इस मौके पर भाजपा की नेशनल सेक्रेटरी अलका गुर्जर ने एजुकेशनिस्ट को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में बेहतर एजुकेशन के लिए कई तरह के बदलाव किए हैं जिसे आगे बढ़ाने में सदा सीईजीआर आगे रहा है। आज जब कोविड को हरा कर भारत आगे बढ़ा है तो ऐसे स्टेक हेल्डर पर विशेष जिम्मेदारी आ गई है।
नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडेशन के चेयरमैन डॉ के. के. अग्रवाल ने कहा कि सीईजीआर विगत दस वर्षों में कई मिसाल कायम किया है। जिसका लाभ एजुकेशन सेक्टर को मिला है। सीईजीआर ने कई रिकमेंडेशन किए हैं जिसे सरकार ने स्वीकारा है। आज देश को सीईजीआर जैसी संस्थान की जरूरत है।
डॉ केके अग्रवाल ने सीईजीआर के डायरेक्टर रविश रोशन को बधाई देते हुए कहा कि इन्होंने जितने कार्य अभी तक किए इससे सरकार को काफी उम्मीदें है। निश्चिततौर पर देश के छात्रों को सीईजीआर से काफी लाभ मिलेगा।
इस मौके पर एआईसीटीई के सलाहकार डॉ नीरज सक्सेना ने संबोधित करते हुए कहा कि आज देश के इंडस्ट्री को ऐसे युवा चाहिए जो ज्यादा प्रायोगिक कार्य में बेहतर हो। जिसके लिए अब एकेडमिया-इंडस्ट्री के तालमेल की जरूरत है जिसकी पूर्ति हो रही है। जिसके लिए एआईसीटीई ने कई प्रयास किए हैं।
एआईसीटीई के सलाहकार प्रो. रमेश उन्नीकृष्ण ने संबोधित करते हुए कहा कि वे विगत कई वर्षों से सीईजीआर के कार्यक्रम में आ रहे हैं जिसप्रकार से एजुकेशन को बेहतर बनाने पर कार्य कर रहा है यह अद्भूत है इसका प्रतिफल भी दिखाई दे रहा है।
इस मौके पर सीबीएसई के डायरेक्टर डॉ विश्वजीत साहा ने कहा कि सीईजीआर केवल एजुकेशनिस्ट ही नहीं बल्कि रेगुलेटरों को भी अवसर दिया है जहां हम अपनी बात को संस्थानों के सामने रखते हैं। सीईजीआर के प्लेटफार्म पर ही एआईसीटी के रेगुलेटरों से भी सीधे तौर पर सामंजस्य की बात हो रही है। यह अपने आप में एक मिसाल है।
सीईजीआर के दसवे हायर एजुकेशन को संबोधित करते हुए एआईसीटीई के सलाहकार प्रो. आरके सोनी ने कहा कि जिस प्रकार से रेगुलेटर और संस्थानों के बीच सीईजीआर ने कड़ी का कार्य किया है जिसका फायदा संस्थानों के साथ साथ देश को भी मिल रहा है। विगत दस वर्षों में कई संस्थानों की समस्याओं का भी समाधान मिला है। वहीं सरकार की नीतियों को लागू करने में भी सहायता मिल रही है।
सीईजीआर के प्रेसिंडेंट व एएएफटी के चासंलर डॉ संदीप मारवाह ने कहा कि उन्हें काफी खुशी हो रही है कि इस खास आयोजन में देश भर के एजुकेशनिस्ट ने शिरकत किए। जिस प्रकार से सीईजीआर ने विगत वर्षों में कार्य किया है वह सबके सामने है। आज देश में बेहतर कार्य करने की जरूरत है जिसके लिए हम सदा तैयार है।
सम्मिट में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सीईजीआर के डायरेक्टर रविश रोशन ने कहा कि आज विगत दस वर्षों का सफर एजुकेशनिस्ट के सहयोग से ही पूरा हुआ है जो निरंतर जारी है। सीईजीआर को देश एजुकेशन का सबसे बड़ा एजुकेशन थिंक टैंक है. जिसके पास चार एनोवेशन का क्रेडिट प्राप्त है। सीईजीआर के साथ दस हजार से ज्यादा एकेडमिशियन जुड़े हैं जिसमें सत्तर से ज्यादा वीसी जुड़े हैं जिनका मार्गदर्शन लगातार मिलता रहा है।
गौरतलब है कि सीईजीआर का दसवां स्थापना दिवस संगरीला होटल नई दिल्ली में आयोजित किया गया है जिसमें देश के विभिन्न संस्थानों के करीब दो सौ से ज्यादा एजुकेशनिस्टों ने भाग लिया।

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