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पिछड़ी जाति के लोगों का अपमान करके राहुल गांधी को ‘पीड़ित’ बनने का नाटक नहीं करना चाहिए: शाह

नईदिल्ली-

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आत्मविश्वास के साथ भरोसा दिलाया कि भाजपा कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत के आँकड़े से 15-20 सीटें अधिक जीतेगी और जोर दिया कि पार्टी के कुछ नेताओं के दल-बदल के बावजूद उसका जनाधार बरकरार है, यह इतिहास रहा है कि भाजपा के बागी कभी जीतते नहीं हैं और यह इस बार भी सच साबित होगा। कर्नाटक में भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस के भ्रष्टाचार के आरोपों को ‘निराधार’ बता कर खारिज करते हुए शाह ने दावा किया कि कर्नाटक को ‘एटीएम’ के रूप में इस्तेमाल करने वाली कांग्रेस अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए भाजपा के ऊपर आरोप लगा रही है जबकि किसी भी अदालत द्वारा इसे प्रमाणित नहीं किया गया है।
मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने को लेकर कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार पर निशाना साधे जाने के बीच शाह ने इंडिया टुडे को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ‘भारत में कोई भी परिवार कानून से ऊपर नहीं है और कानून सबसे ऊपर है।’
राहुल गांधी ने घर खाली करने का नोटिस मिलने के बाद अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया और दावा किया कि वह सच बोलने की कीमत चुका रहे हैं। गांधी द्वारा ‘पीड़ित’ की भूमिका निभाने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा, ‘हमने राहुल गांधी से कभी ओबीसी समुदाय का अपमान करने के लिए नहीं कहा। उन्होंने खुद माफी नहीं मांगने का फैसला किया।’
‘जिस कानून के तहत उन्हें दोषी ठहराया गया, वह कांग्रेस सरकार ने बनाया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उस कानून को वापस लेने की कोशिश की लेकिन राहुल गांधी ने खुद अध्यादेश को फाड़ दिया। अब उसे पीड़ित की भूमिका नहीं निभानी चाहिए। किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि कोई भी परिवार कानून से ऊपर है। अगर अध्यादेश संसद से पारित हो जाता तो किसी भी दोषी सांसद को तत्काल अयोग्य करार दिए जाने से बचा लिया जाता।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सीबीआई द्वारा तलब किए जाने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि ‘इस तरह का आरोप सही नहीं है क्योंकि जाँच एजेंसी ने उन्हें पहले भी बुलाया था। भाजपा ने ऐसा कुछ नहीं किया है जिस पर पर्दा डालने की जरूरत हो। अगर कोई हमसे अलग होने के बाद आरोप लगा रहा है तो मीडिया और लोगों को उसी के अनुसार उसका मूल्यांकन करना चाहिए।’
कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि भाजपा को 224 सदस्यीय विधानसभा में 112 सीटों के आधे आँकड़े से 15-20 सीटें अधिक मिलेंगी।
कांग्रेस के पास अपने शासन के दौरान कर्नाटक के प्रति उदासीनता का कोई जवाब नहीं है, 2009-14 के दौरान जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी, केंद्र ने राज्य को मात्र 94,224 करोड़ रुपये जारी किए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने 2014-19 के दौरान इस राशि को बढ़ाकर 2.26 लाख करोड़ रुपये कर दिया। साथ ही, कर हस्तांतरण और अनुदान सहायता 22,000 करोड़ रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 75,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस ने राज्य में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण प्रदान करके संविधान का उल्लंघन किया है। जबकि संविधान धार्मिक पहचान के आधार पर किसी भी तरह के आरक्षण की अनुमति नहीं देता है। भाजपा की सरकार ने इस आरक्षण को खत्म कर के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, वोक्कालिगा और लिंगायतों के लिए कोटा बढ़ा दिया है।
कांग्रेस ने अपने शासन में एक कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई को ‘संरक्षित और पोषित’ किया, जिसे अब मोदी सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है। पीएफआई के कैडर राज्य में दिन-दहाड़े हत्याएँ करते थे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया और राज्य के लोगों को सुरक्षा प्रदान की।
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले पर उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘हम भारत पर किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे।’ भारत के विदेशी दूतावासों के खिलाफ हिंसा को मोदी सरकार हल्के में नहीं लेगी।
मोदी पर हो रहे ‘व्यक्तिगत हमलों’ पर अमित शाह ने कहा, ‘मोदी जी पर व्यक्तिगत हमले कोई नई बात नहीं है। बहुत पहले सोनिया गांधी ने उन्हें ‘मौत का सौदागर’ कहा था। लेकिन जब भी उन्हें इस तरह के हमलों का सामना करना पड़ा तो वह और भी मजबूत होकर उभरे।’

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