सेहत

फाइलेरिया बीमारी से बचाव का नायाब तरीका है सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम : प्रभारी सिविल सर्जन

– सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए राउंड) के दौरान सभी लोगों को अवश्य करनी चाहिए फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन
– आगामी 10 फरवरी से जिले भर में कुल 14,11,846 लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा
मुंगेर-
फाइलेरिया जैसी दिव्यांग बनाने वाली गंभीर बीमारी से बचाव का नायाब तरीका है सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम । उक्त बातें सोमवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित नए फेब्रिकेटेड अस्पताल में आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए राउंड) को ले सीफार के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आयोजित मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला के प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर अखिलेश कुमार ने कही। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया जैसी बीमारी से बचने के लिए सबसे आसान और सर्वसुलभ तरीका यह है कि सभी लोग नियमित रूप से मच्छरदानी का प्रयोग करें और साल में कम से कम एक बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए राउंड) के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन करें। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया बीमारी एक विशेष प्रकार के मच्छर संक्रमित क्यूलेक्स के काटने से होता है और मच्छर के काटने के पांच से 10 साल के बाद ही फाइलेरिया का लक्षण देखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष यह कार्यक्रम आगामी 10 फरवरी से शुरू हो रहा है। इसके पहले तीन दिनों तक स्कूल में बूथ लगाकर कर स्कूली बच्चों और शिक्षकों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। इस दौरान जिले भर में कुल 14,11,846 योग्य लाभार्थी को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। इस दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, एक सप्ताह के अंदर मां बनने वाली महिलाओं और गंभीर रूप से बीमारी से ग्रसित लोगों को यह दवा नहीं खिलानी है। इस अवसर पर डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह, डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव, फाइलेरिया कार्यालय के सीनियर सुपरवाइजर सुधांशु कुमार, पिरामल स्वास्थ्य से राजेश कुमार सिन्हा, पीसीआई के एसएमसी मंजीत कुमार, प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक और मीडिया से जुड़े पत्रकार और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जन जागरूकता बहुत ही आवश्यक है  और कार्य को पूर्णता तक पहुंचाने में आप सभी पत्रकार बंधू महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते है। समाचार पत्र – पत्रिकाएं, न्यूज चैनल और वेब मीडिया एक ऐसा माध्यम है जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सभी लोग जुड़े हुए हैं। आप लोगों के सहयोग से मुंगेर सहित पूरे राज्य और देश को फाइलेरिया से मुक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आपके जिला  मुंगेर अभी फाइलेरिया के कुल 6048 मामले हैं इसमें से मुंगेर शहरी क्षेत्र में सर्वाधिक 1792 फाइलेरिया के मरीज हैं। उन्होंने बताया कि जिला भर में हाथीपांव के कुल 5232 केस और हाइड्रोसिल के 816 केस है। इसमें से मुंगेर शहरी क्षेत्र में हाथीपांव के 1485 और हाइड्रोसिल के 307 केस है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों जिला भर में कराए गए नाइट ब्लड सर्वे रिपोर्ट में मुंगेर जिला का माइक्रो फाइलेरिया रेट 1.73% आया है। इसमें से टेटिया बंबर प्रखंड में सर्वाधिक 2.6% माइक्रो फाइलेरिया रेट आया है।
मीडिया कार्यशाला में मौजूद मां चंडिका पेशेंट प्लेटफार्म से जुड़े मुरारी यादव ने बताया कि वो 1996 से हाइड्रोसिल फाइलेरिया के मरीज हैं। अभी हमलोग मां चंडिका पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म का गठन कर अपने वार्ड में लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले एमडीए राउंड के दौरान निश्चित रूप से दवा खाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। हमलोग एमडीए राउंड के दौरान भी दवा खिलाने वाली आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ घर घर जाकर लोगों को फाइलेरिया कि दवा खाने के लिए प्रेरित करेंगे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि जिला भर कि कुल जनसंख्या 16,64,274 लोगों में से 14,11,846 लोगों को फाइलेरिया कि दवा खिलाने के लिए कुल 719 टीम का गठन किया गया है। इस काम के लिए ,963 आशा, 221 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 234 वोलेंटियर,1436 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर और 70 सुपरवाइजर को लगाया गया है। एमडीए राउंड के लिए जिला भर में 14,11,846 टैबलेट्स अल्बेंडाजोल और 3529613 टैबलेट्स डीईसी दवा कि आपूर्ति की गई है।

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