देश-दुनियाँ

बाँका जिले में 12 लाख से अधिक लोगों को कराया गया एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन 

– फाइलेरिया उन्मूलन • जिले में 10 फरवरी से चल रहा है सघन एमडीए अभियान
– फाइलेरिया के कारण, लक्षण और इससे बचाव की भी दी जा रही है जानकारी
बाँका-
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले में 10 फरवरी से सघन एमडीए अभियान चल रहा है। जिसके तहत गठित स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति को खुद के सामने में दवा का सेवन करा रहीं हैं। इस दौरान 26 फरवरी तक 12 लाख से अधिक  लोगों को स्वास्थ्य टीम द्वारा फाइलेरिया से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन कराई जा चुकी है। इस दौरान स्वास्थ्य टीम द्वारा लोगों फाइलेरिया के कारण, लक्षण और इससे बचाव की जानकारी भी देकर लोगों को जागरूक की जा रही है। वहीं, अभियान की रफ्तार को गति देने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में अभियान तेज कर दी गई है। ताकि निर्धारित समयावधि के अंदर लक्षित लोगों को दवाई का सेवन कराई जा सके और सामुदायिक स्तर पर लोग इस बीमारी से सुरक्षित हो सके।
– साइड इफेक्ट से घबराएं नहीं, पूरी तरह कारगर और सुरक्षित है फाइलेरियारोधी दवा :
सिविल सर्जन डाॅ. रवीन्द्र नारायण ने बताया, फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई का सेवन ही एकमात्र विकल्प और सबसे बेहतर उपाय है। दवाई सेवन के बाद किसी-किसी व्यक्ति को साइड इफेक्ट भी हो सकता है, जिसे एडवर्स इफेक्ट कहा जाता है। किन्तु, इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि, यह पूरी तरह सामान्य होता है, जो प्राथमिक उपचार से ही ठीक हो जाता है। मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि इस बीमारी से बचाव के लिए सभी लोग निश्चित रूप से दवा का सेवन करें।
– दवा सेवन से नहीं होता है कोई गंभीर दुष्प्रभाव, सभी लोग भय मुक्त होकर खाएं एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवाई :
भीडीसीओ मो. आरिफ इकबाल ने बताया, दवा सेवन से कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता है। बल्कि, फाइलेरिया से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा काफी कारगर, प्रभावी और सुरक्षित है। इसलिए, सभी लोग भय मुक्त होकर दवा का सेवन करें। वहीं, उन्होंने बताया, अभियान को हर हाल में सफल बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ, पिरामल फाउंडेशन, पीसीआई समेत अन्य सहयोगी स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधियों का भी लगातार साकारात्मक सहयोग मिल रहा है।
– भूखे पेट नहीं खाएं दवा, दूसरों को भी दवाई सेवन के लिए करें जागरूक और प्रेरित :
डीपीएम (हेल्थ) ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया, जिले में सघन एमडीए अभियान चल रहा है। जिसके तहत स्वास्थ्य टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों को सामने में दवाई का सेवन कराई जा रही है। अभियान में शामिल सभी कर्मियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि किसी भी कीमत पर दवाई बांटना नहीं है। बल्कि, खुद के सामने में सभी लोगों को खिलाना है। मैं जिले के आमजनों से भी यही अपील करता हूँ कि सभी लोग भूखे पेट किसी भी कीमत पर दवा नहीं खाएं और हर हाल में मेडिकल टीम के सामने में ही दवा का सेवन करें। ताकि दवाई का सेवन के पश्चात अगर आपको किसी भी प्रकार की कोई शारीरिक परेशानी होता है तो तुरंत जरूरी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
– एडवर्स इफेक्ट से निपटने के लिए जिले भर में रेपिड रिस्पांस टीम है तैनात :
पिरामल फाउंडेशन के डीपीओ धीरज कुमार सिंह ने बताया, दवाई सेवन के दौरान लोगों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो और सभी लोग सुरक्षित माहौल में दवाई का सेवन कर सके। इसके लिए हर स्तर पर समुचित व्यवस्था की गई है। एडवर्स इफेक्ट के मामले से निपटने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय रेपिड रिस्पांस टीम की तैनाती की गई है। इसके अलावा जिले के सभी प्रखंडों में स्थानीय चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम समेत अन्य पदाधिकारी के साथ-साथ सहयोगी स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि भी मानिटरिंग कर रहें हैं।
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