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भागलपुर ने मिशन इंद्रधनुष-4 अभियान के तीसरे चरण में भी मारी बाजी

-इस बार भी लक्ष्य से अधिक किया गया टीकाकरण
-पहले दो चरण में भी जिले का बेहतर रहा है प्रदर्शन
भागलपुर, 11 मई।
12 तरह की बीमारियों से बचाव को लेकर मिशन इंद्रधनुष-4 अभियान के तीसरे चरण में भी भागलपुर ने बाजी मारी है। दो से 10 मई तक चले अभियान के दौरान भी लक्ष्य से अधिक बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया है। मंगलवार को खत्म हुए अभियान के दौरान 9638 बच्चों का टीकाकरण किया गया, जबकि लक्ष्य 9623 का था। इसी तरह 1973 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया, जबकि लक्ष्य 1967 का था। इसे लेकर जिलेभर में 855 केंद्र बनाए गए थे। सफलता की दर 100 प्रतिशत भी अधिक रही।
इससे पहले दूसरे चरण में 10,565 बच्चों का टीकाकरण किया गया था, जबकि लक्ष्य 10,546 का था। दूसरे चरण के दौरान 2066 महिलाओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा था, जबकि 2069 महिलाओं का टीकाकरण किया गया। जिले में चार से 11 अप्रैल तक मिशन इंद्रधनुष-4 अभियान का दूसरा चरण चलाया गया था। इससे पहले सात से 13 मार्च तक मिशन इंद्रधनुष-4 अभियान के तहत पहला चरण चलाया गया था, जिसमें 6834 बच्चों को टीका देने का लक्ष्य रखा गया था और 7044 बच्चों का टीकाकरण किया गया था। यानी कि लगभग 103 प्रतिशत टीकाकरण हुआ था। इसी तरह 1200 महिलाओं का टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था और 1261 महिलाओं का टीकाकरण किया गया था। यानी कि लक्ष्य के मुकाबले 105 प्रतिशत से भी अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया था। अभियान के तीनों चरण में सफलता की दर 100 प्रतिशत से अधिक रही। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष-4 अभियान के तीनों ही चरण में सफलता की दर 100 प्रतिशत से अधिक रही। इस उपलब्धि के पीछे सभी स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत है।
सुरक्षित और सामान्य प्रसव को मिलता है बढ़ावाः जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी है। इससे न केवल गंभीर बीमारी से बचाव होता है, बल्कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा भी मिलता है। बच्चों का शारीरिक विकास भी बेहतर तरीके से होता है। इसलिए जिले के सभी लाभार्थियों की सूची बनाकर टीकाकरण किया गया। अभी अभियान भले ही खत्म हो गया है, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों और अस्पतालों में टीकाकरण जारी रहेगा। इसलिए अभी भी जिनके घरों में बच्चे और गर्भवती महिलाएं छूट गई हों, वह जरूर टीकाकरण करवा लें।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर होता है नियमित टीकाकरणः नियमित टीकाकरण का आयोजन जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर सप्ताह बुधवार और शुक्रवार को होता है। जरूरत पड़ने पर अन्य दिन भी टीकाकरण किया जाता है। इसके माध्यम से 2 वर्ष तक के बच्चों को टीके लगाए जाते हैं। नियमित टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। साथ ही प्रसव के दौरान जटिलताओं से सामना करने की भी संभावना नहीं के बराबर रहती है। गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण होने से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलता है।

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