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वृंदावन चंद्रोदय मंदिर ने मनाई फूलों की होली, भक्तों ने भगवान संग खेली फूलों की होली

गुरुग्राम-
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर द्वारा शनिवार को गुरुग्राम के ए डॉट काॅन्वेशन सेंटर में फूलों की होली महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। देर रात तक भक्तों ने भगवान के साथ फूलों की होली खेली। इस अनुपम महोत्सव में वृंदावन चंद्रोदय मंदिर से ठाकुर राधा कृष्ण के विग्रह को लाया गया। इस अवसर पर दिल्ली-एनसीआर से आए हजारों भक्तों ने प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान मंदिर में पुष्प अभिषेक, झूलन उत्सव, पालकी उत्सव एवं महाप्रसाद का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत भक्तों के समूह के द्वारा संकीर्तण और भजन से की गई। इसके बाद प्रसिद्ध भजन गायक अगम अग्रवाल ने मधुर भजनों से भक्तों के बीच भक्तिरस का संचार किया। उन्होंने ब्रज और होली के गीत प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोगों ने उनके गायन की काफी सराहना की। भजन संध्या के बाद विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे पुष्पों से भगवान का पुष्प अभिषेक किया गया। इस दृश्य को देखकर भक्त प्रभु की भक्ति में लीन हो गए। इसके बाद ठाकुर राधा-कृष्ण की आरती की गई। इस दौरान सभी भक्तों ने आरती में अपनी सहभागिता दिखाई।
चंद्रोदय मंदिर के स्वामी जी ने कहा कि प्रेमावतार चैतन्य महाप्रभु निज नाम का दान करने के लिए अवतरित हुए। वो कलियुग में अधम प्राणियों के उद्धार के लिए, महाप्रभु ने नाम प्रभु के रूप में अवतरण लिया और उन्होंने हरे कृष्ण मंत्र को जन सामान्य के लिए प्रकाशित किया। इनका पूरा शरीर संकीर्तन शरीर है। अत: इनके शरीर से सदैव हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे का प्रवाह होता है।
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर और हरे कृष्ण मंदिर के वीडियो का प्रदर्शन
इस मौके पर वीडियो के माध्यम से श्रद्धालुओं को वृंदावन चंद्रोदय मंदिर और हरे कृष्ण मंदिर गुरुग्राम के निर्माण कार्य को दिखाया गया। मथुरा के वृंदावन में गगनचुंबी विशाल, भव्य और मंदिर बनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर का नाम वृंदावन चन्द्रोदय मंदिर है। इस मंदिर की नींव दुनिया की सबसे उंची इमारत बुर्ज खलीफा से भी तीन गुना गहरी है। भगवान कृष्ण की लीला भूमि पर बन रहे चन्द्रोदय मंदिर का पहला साउथ विंग बनकर तैयार हो गया है। इस मंदिर की कल्पना श्रील प्रभुपाद ने की थी, जब वह भारत यात्रा के दौरान वृन्दावन आये थे। मंदिर का पहला ब्लॉक बनकर तैयार हो चुका है। इसमें राधा-कृष्ण की मूर्ति भी स्थापित की जा चुकी हैं। दीपावली के दौरान इसका अनावरण किया जाएगा।
इसके बाद गुरुग्राम में बन रहे हरे कृष्ण मंदिर के बारे में दिखाया गया। गुरुग्राम के सेक्टर 43 में बन रहे श्री हरे कृष्ण मंदिर गुरुग्राम का गगनचुंबी मंदिर होगा। इसकी ऊंचाई 108 फीट होगा। मंदिर 50 हजार वर्ग गज में बन रहा है। इस मंदिर का निर्माण हरे कृष्ण मूवमेंट गुरुग्राम की ओर से किया जा रहा है। गुरुग्राम मंदिर केवल आध्यात्मिक स्थल नहीं बल्कि जरूरतमंद लोगों के लिए अन्नपूर्णा का भंडार भी साबित होगा। यहां प्रतिदिन हजारों लोग भोजन कर सकेंगे। यह मंदिर उत्तर भारतीय मंदिरों की शैली में परंपरागत और आधुनिक तरीके से बन रहा है। इसमें एक बड़ा हॉल होगा जहां जन्माष्टमी, राधाष्टमी, गोपाष्टमी, रामनवमी, नवरात्र कार्तिक उत्सव समेत पर्व त्योहारों के आयोजन यहां होंगे। इसमें वैदिक संस्कार हॉल भी होगा, जहां लोग अपने धार्मिक संस्कार कर सकेंगे। इसमें आध्यात्मिक अध्ययन का भी एक केंद्र भी होगा। विद्या दान हॉल में युवाओं के लिए मूल्य-आधारित शिक्षा,कार्यशाल,सेमिनार आदि होंगे।
कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण का केंद्र पालकी उत्सव था। इसमें सभी भक्तों के बीच विभिन्न प्रकार के पुष्पों का वितरण किया गया। इन पुष्पों के साथ भक्तों ने भगवान के साथ फूलों की होली खेली। इस दृश्य को भी भक्तगण अपने-अपने कैमरों में कैद करते नजर आए। इसके बाद भगवान ठाकुर राधा-कृष्ण के विग्रह को वृंदावान ले जाया गया।कार्यक्रम के अंत में भक्तों के लिए सैकड़ों टोकरियों में विभिन्न प्रकार के फूलों को लाया गया और भक्तों में वितरित किया गया। ये दृश्य सबसे अनुपम नजर आया। इसमें भक्तगण हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे, हरे रामा हरे रामा रामा हरे हरे के गाने के साथ जमकर होली खेली।
कार्यक्रम के अंत में भक्तों के लिए महाप्रसाद का आयोजन किया गया। इस में तरह-तरह के व्यंजनों का इंतजाम किया गया था। इसमें भक्तों ने विभिन्न प्रकार के प्रसादों का स्वाद लिया। कार्यक्रम स्थल पर भगवान कृष्ण से संबंधित पुस्तकों का स्टॉल लगाया गया था,जहां भकतों ने जमकर प्रभुपाद, चैतन्य महाप्रभु से संबंधित पुष्तकों की खरीदारी की। पुस्तक स्टॉल के अलावा प्रसाद काउंटर, पृजन संबंधित स्टॉलों पर भी भक्तों की भीड़ देखने को मिली।
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