– कालाजार उन्मूलन • सूर्यगढ़ा, लखीसराय और बड़हिया प्रखंड के कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
– छिड़काव अभियान के दौरान कालाजार से बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी करेंगे कर्मी
लखीसराय-
कालाजार उन्मूलन अभियान को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए मंगलवार को जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ. राकेश कुमार की अध्यक्षता में उनके ही कार्यालय में प्रथम चक्र के तहत शुरू होने वाले मार्च-मई – 2024 छिड़काव अभियान की सफलता को लेकर मंगलवार को कर्मियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें जिले के लखीसराय, बड़हिया एवं सूर्यगढ़ा प्रखंड के कर्मी शामिल हुए। प्रशिक्षण के दौरान मौजूद कर्मियों छिड़काव कैसे करना है, छिड़काव के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना है समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी दी गई। इस दौरान मौजूद कर्मियों को यह भी बताया गया कि कालाजार उन्मूलन के लिए साल में दो बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा एसपी पाउडर का छिड़काव कराया जाता है। ताकि जिले में कालाजार का प्रभाव खत्म हो सके और लोग सुरक्षित रह सके। उक्त प्रशिक्षण डीभीवीडी सलाहकार नरेंद्र कुमार द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान कर्मियों को कालाजार के लक्षण, कारण, बचाव एवं उपचार की भी विस्तृत जानकारी दी। इस प्रशिक्षण में भीडीसीओ भगवान दास, गौतम प्रसाद, शालिनी कुमारी, भीवीडीएस विनोद कुमार चौबे, दिलीप कुमार मालाकार, रत्नेशचंद्र पांडेय, पिरामल फाउंडेशन से ललिता कुमारी आदि शामिल हुए।
– कालाजार से बचाव के सतर्कता और सावधानी जरूरी :
वेक्टर रोग नियंत्रण सलाहकार नरेंद्र कुमार ने बताया, अभी भी कालाजार के प्रति लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। क्योंकि, इस बीमारी से बचाव के लिए हमेशा सर्तक और सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल, हमारे यहाँ के बड़ी संख्या में लोग बाहर रहकर मजदूरी कर जीवन-यापन करते हैं और छः माह-साल भर में घर आते हैं। इस कारण भी कालाजार के प्रभाव बढ़ सकता है। इसलिए, सभी लोगों को हमेशा बीमारी से बचाव के लिए सजग रहना चाहिए और जिस व्यक्ति में लक्षण दिखे, उन्हें तुरंत जाँच कराने के लिए प्रेरित करना चाहिए। वहीं, उन्होंने बताया, छिड़काव अभियान के दौरान लोगों को छिड़काव टीम द्वारा जागरूक भी किया जाएगा।
– कालाजार के लक्षण :
– लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता .
– छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
– छिड़काव के पूर्व भोजन समाग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
– अपने क्षेत्र में कीटनाशक (एस पी) छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।