सेहत

सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान  की सफलता को ले लोगों को जागरूक करें मीडियाकर्मी : सिविल सर्जन 

: जिलाभर के 275 सेशन साइट पर 27 नवंबर से 2 दिसंबर तक चलेगा अभियान
: अभियान के तीसरे चरण में 0 से 2 वर्ष तक के 1913 और 2 से 5 वर्ष तक के 481 के साथ- साथ 403 गर्भवती महिलाओं को लगाया जाएगा टीका
लखीसराय, 25 नवंबर-
सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान के तृतीय चरण की सफलता को ले लोगों को जागरूक करें मीडिया कर्मी । उक्त बात शनिवार को सिविल सर्जन कार्यालय में आयोजित मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने कही। उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण के दौरान जो लाभार्थी टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं उनके लिए सघन मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम को चलाया जाता है। इस बार जिला में सघन मिशन इन्द्रधनुष 5.0 के पहले चरण का आयोजन विगत 11 से 16 सितंबर वहीं दूसरे चरण का आयोजन 9 से 14 अक्टूबर के दौरान जिलाभर के सभी प्रखंडों में किया गया था। उन्होंने बताया कि सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 के तीसरे चक्र का आयोजन 27 नवंबर से 2 दिसंबर के दौरान चलाया जाना है।
इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती, जिला स्वास्थ्य समिति लखीसराय के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधांशु नारायण लाल और डेवलपमेंट पार्टनर डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ के प्रतिनिधि सहित कई अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों का शत- प्रतिशत टीकाकरण है सघन मिशन इन्द्रधनुष 5.0 का मुख्य उद्देश्य :
मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकरी डॉ. अशोक कुमार भारती ने बताया कि जिले में शत -प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य पूरा हो इस उद्देश्य से सघन मिशन इन्द्रधनुष 5.0 का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान के तीसरे चरण में जिलाभर के सभी प्रखंडों में 0 से 2 वर्ष तक के 1913, 2 से 5 वर्ष तक के 481 बच्चों एवं 403 गर्भवती महिलाओं को पूर्ण टीकाकृत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में 0-2 वर्ष के बच्चों, 2-5 वर्ष के बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा रहा है। नियमित टीकाकरण के इस कार्यक्रम का आयोजन जिला के सभी प्रखंडों में किया जा रहा है। इसके लिए जिलाभर में कुल 275 सत्र स्थल बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण का मुख्य उद्देश्य शिशु मृत्यु दर को कम करना है। इसके अलावा नियमित टीकाकरण से कुल 12 तरह की बीमारी से भी  बचाव होता है। इसलिए बच्चों और गर्भवती महिलाओं का अनिवार्य रूप से नियमित टीकाकरण होना चाहिए।

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