लखनऊ, यूपी की आवाज़।
समाजवादी पार्टी और अपना दल (के) गठबंधन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पसंद की सीटें न मिलने से नाराज पल्लवी पटेल ने ललसपा का टिकट वापस कर दिया। पल्लवी को सिराथू सीट से प्रत्याशी बनाया गया था
भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए हाथ थामकर आगे बढ़ी समाजवादी पार्टी (एसपी) और अपना दल (कमेरावादी) के रास्ते चुनाव मैदान में पहुंचने से ही अलग-अलग होते नजर आ रहे हैं। मनमाफिक सीटें न मिलने से नाराजगी जताते हुए अपना दल (कमेरावादी) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है। सिराथू से भाजपा प्रत्याशी व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ सपा द्वारा प्रत्याशी घोषित की गईं पल्लवी पटेल का टिकट उनके पति व दल के राष्ट्रीय महासचिव पंकज निरंजन पटेल ने लौटा दिया है। इससे पहले गठबंधन में मिले सात टिकट सपा को लौटा चुके पंकज ने खुद सीटों का तालमेल न बैठ पाने की बात स्वीकार की है।
भाजपा ने जहां अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाले अपना दल (एस) के साथ समझौता किया है, वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल के नेतृत्व वाली अपना दल (कमेरावादी) के साथ समझौता किया है। कृष्णा पटेल के दल ने पिछले दिनों सात सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की थी। इनमें वाराणसी की पिण्डरा, रोहनिया, जौनपुर की मड़ियाहू, मीरजापुर की मड़िहान, सोनभद्र की घोरावल, प्रतापगढ़ की सदर व प्रयागराज की इलाहाबाद पश्चिम सीट थी।
सूत्रों के अनुसार, सपा ने अपना दल के इस फैसले पर नाराजगी जताई थी। हालांकि, बुधवार को ही कृष्णा पटेल की बेटी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन पल्लवी पटेल को सपा ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ सिराथू सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया, लेकिन अपना दल ने गठबंधन में मिल रही सीटों को लेकर नाखुशी जताते हुए एक भी सीट पर न लड़ने का निर्णय लिया है।
अपना दल कमेरावादी के राष्ट्रीय महासचिव पंकज निरंजन पटेल का कहना है कि उनकी पार्टी का सपा के साथ सीटों को लेकर तालमेल नहीं बैठ पा रहा था। सपा बड़ी पार्टी है, उनके पास नेता भी बहुत ज्यादा हैं। सीटों को लेकर उन्हें कोई परेशानी न हो, इसलिए चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने साफ किया कि चुनाव न लड़ने के बावजूद अपना दल कमेरावादी सपा काे समर्थन देता रहेगा।
पंकज ने बताया कि उन्होंने अपनी पार्टी की बात उचित माध्यम से सपा नेतृत्व के पास पहुंचा दी है, अब फैसला सपा को लेना है। उन्होंने बताया कि पहले सपा के साथ 16 सीटों पर सहमति बनी थी। इसी के तहत पहले चरण में सात सीटों की घोषणा की गई थी। वहीं, सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि यह प्रकरण उनकी जानकारी में नहीं है।