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सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (आईडीए) को लेकर एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन

– जिला के प्रखंडों में आज से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम राउंड के दौरान सभी लोग अनिवार्य रूप से खाएं फाइलेरिया की दवा : सीएस
– जिला के सभी सात प्रखंड में आज से आगामी 17 दिनों तक चलेगा एमडीए राउंड
–  जिलाभर में बनाई गई है कुल 565 टीम
– इसमें शामिल होंगे 56 सुपर वाइजर
लखीसराय-
‘जिला के सभी सातों प्रखंडों में आज से शुरू हो रहा है सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए)।  इस दौरान सभी लोग अनिवार्य रूप से खाएं फाइलेरिया की दवा।’ उक्त बातें मंगलवार को सदर अस्पताल के मीटिंग हॉल में स्वास्थ्य विभाग एवं सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के द्वारा आयोजित एकदिवसीय मीडिया कार्यशाला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. बीपी सिन्हा ने कही। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया की बीमारी क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होती है। इसकी वजह से व्यक्ति को हाथीपांव जैसी बीमारी हो जाती है । जिसमें व्यक्ति के पांव में एक प्रकार का गंदा पानी जमा हो जाने के कारण पैर काफी मोटा हो जाता है । जिससे व्यक्ति स्थाई रूप से दिव्यांग भी हो जाता है। उन्होंने बताया कि एमडीए राउंड के दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और असाध्य बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को फाइलेरिया की दवा का सेवन नहीं करवाना है।
जिला की कुल लक्षित आबादी को फाइलेरिया की दवा खिलाने के लिए बनायी गयी है कुल 565 टीम :
उन्होंने बताया कि जिला की कुल आबादी 13,10,864 है।  इनमें से दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और असाध्य रोगों से ग्रसित व्यक्ति को छोड़कर कुल लक्षित आबादी को फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी  टैबलेट्स खिलाने के लिए 56 सुपरवाइजर सहित आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की कुल 565 टीम बनाई गई है। यह टीम अगले 17 दिनों के दौरान घर- घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया की दवा खिलवाना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने बताया कि जिलाभर में यदि पेशेंट प्लेटफार्म का निर्माण हो जाता है तो इससे एमडीए राउंड के दौरान लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने में स्वास्थ्य कार्यकताओं को काफी मदद मिल सकती है। इसके साथ ही सरकार के द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को भी सफल बनाने में बहुत मदद मिलेगी।
मीडिया कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. बीपी सिन्हा के साथ – साथ जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती, जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ धीरेंद्र कुमार, सदर अस्पताल के हॉस्पिटल मैनेजर नंदकिशोर भारती, जिला के वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी भगवान दास, सदर अस्पताल के अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार और डेवलपमेंट पार्टनर पिरामल स्वास्थ्य, पीसीआई के प्रतिनिधि और स्थानीय मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।
मीडिया कार्यशाला में उपस्थित फाइलेरिया रोगी वृंदावन गांव के  39 वर्षीय वीरेंद्र यादव  ने बताया कि समय पर फाइलेरिया से बचाव के लिए सरकार के द्वारा खिलाई जाने वाली फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी की टैबलेट्स का सेवन नहीं कर पाने की वजह से आज फाइलेरिया जैसी बीमारी से पीड़ित हो गया हूं। इसकी वजह से आज मुझे अपने भारी भरकम पैर के साथ दिव्यांग जैसी अपनी जिंदगी जीनी पर रही है। आप लोग भी जाने – अनजाने में मच्छर के काटने से फाइलेरिया की बीमारी का शिकार ना हो जाएं इसके लिए आपलोग आज से शुरू हो रहे फाइलेरिया की दवा खिलाने के अभियान में दवा जरूर खाएं।
कार्यशाला में उपस्थित एक अन्य फाइलेरिया रोगी रजोना चौकी निवासी 60 वर्षीय कौशल्या देवी ने बताया कि फाइलेरिया से बचने के लिए सभी लोग मच्छरदानी का नियमित रूप से इस्तेमाल करिए । क्योंकि मच्छर दानी का नियमित रूप से इस्तेमाल नहीं करने से फाइलेरिया का रोग फैलाने वाला क्यूलेक्स मच्छर काटता है। जिससे व्यक्ति का पैर हाथी के पैर के समान मोटा हो जाता है। इसके बाद आजीवन लोगों को अपने मोटे पैर के साथ ही एक दिव्यांग के रूप में अपना गुजर बसर करना होता है। सभी लोग आज से शुरू हो रहे फाइलेरिया की दवा खिलाने के अभियान के दौरान खुद भी दवा खाइए और अपने पूरे परिवार को फाइलेरिया की दवा खिलाइए। ताकि आप लोगों को मेरी तरह फाइलेरिया जैसी बीमारी का शिकार नहीं होना पड़े ।
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