देश-दुनियाँ

विशेष अभियान के तहत 85,553 बच्चों को पिलाई गई पोलियो की दवा

-रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड समेत सार्वजनिक जगहों पर 1,66,849 बच्चों की जांच की गई
-1129 न्यूबॉर्न बच्चों की हुई पहचान, 187 टीम अभियान के दौरान कर रही थी काम

भागलपुर, 1 नवंबर। जिले के सार्वजनिक जगहों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड इत्यादि जगहों पर पिछले दिनों पल्स पोलियो का विशेष अभियान चलाया गया। बाहर से आने-जाने वाले 0 से 05 पांच वर्ष तक के बच्चों को पल्स पोलियो अभियान के तहत दो बूंद की खुराक दी गई। 21 से 31 अक्टूबर तक चले इस विशेष अभियान में 85,553 बच्चों को पोलियो की दवा दी दी गई। इस दौरान कुल 1,66,849 बच्चों की जांच हुई। साथ ही इस दौरान 1129 न्यूबॉर्न बच्चों की भी पहचान की गई। इस काम में कुल 187 टीम लगी हुई थी। 20 सुपरवाइजर इस पर नजर रखे हुए थे।
दरअसल, पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो संक्रमण के मामले सामने आने के बाद देश सहित पूरे राज्य एवं जिले में एहतियातन सतर्कता बढ़ा दी गई थी। इसी के मद्देनजर विशेष पल्स पोलियो अभियान चलाया गया। इसके तहत छठ पूजा के अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों और प्रदेशों से आने-जाने वाले 0 से 05 वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो संक्रमण के खिलाफ रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड समेत यातायात के अन्य सार्वजनिक जगहों पर पोलियो संक्रमण से बचाव के लिए दवा पिलाई गई, ताकि शत-प्रतिशत बच्चों को दवाई का सेवन सुनिश्चित हो सके और पोलियो संक्रमण के खतरे उत्पन्न नहीं हो। इससे सभी परिवार पूरी तरह सुरक्षित माहौल में त्यौहार मना सकें।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि जिले के रेलवे स्टेशनों से सबसे अधिक लोगों की आवाजाही होती है। उक्त स्टेशनों से ही कई जगह जाने के लिए सबसे अधिक साधन हैं। इस कारण उक्त जगहों पर पर्याप्त संख्या में ट्रांजिट दल की तैनाती की गई थी, ताकि एक भी बच्चा छूटे नहीं और शत-प्रतिशत बच्चों को दवाई का सेवन सुनिश्चित हो सके और विशेष अभियान का सफलतापूर्वक समापन हो सके। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी बच्चों को चिह्नित कर दवा पिलाई गई। अभियान के दौरान एक भी बच्चा छूटे नहीं, इस बात का विशेष ख्याल रखने के लिए प्रतिनियुक्त टीम को आवश्यक निर्देश दिए गए थे। साथ ही लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही थी। मुझे खुशी है कि अभियान पूरी तरह से सफल रहा और काफी संख्या में बच्चों को इस अभियान का लाभ मिला।
दवा पिलाने के लिए प्रेरित भी किया गयाः राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार विशेष पल्स पोलियो अभियान 31 अक्टूबर तक चलाया गया। इस दौरान चिह्नित और चयनित जगहों से होकर गुजरने वाले प्रत्येक बच्चे को ट्रांजिट दल द्वारा दवाई का सेवन कराया गया। साथ ही पोलियो संक्रमण से बचाव के लिए बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चों को निश्चित रूप से दवाई पिलाने के लिए प्रेरित भी किया गया। दरअसल, इस संक्रमण से बचाव के लिए सबसे बेहतर और कारगर उपाय दो बूंद की खुराक ही है।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Ad

देश-दुनियाँ