देश-दुनियाँ

मायागंज अस्पताल में एचआईवी को लेकर चलाया गया जागरूकता अभियान

-चर्म रोग विभाग के ओपीडी में मरीजों को एचआईवी के बारे में दी गई जानकारी
-एचआईवी प्रभावित बच्चों के टीकाकरण से लेकर इलाज तक की जानकारी दी गई

भागलपुर, 19 नवंबर-

मायागंज अस्पताल में शनिवार को भी एचआईवी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया। चर्म रोग विभाग के ओपीडी में मरीजों को एचआई को लेकर जागरूक किया गया। इस दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास, चर्म रोग विभाग के अध्य़क्ष डॉ. राजीव रंजन झा, बच्चा विभाग की डॉ. मोनिका रानी, एआऱटी सेंटर के वरीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विजय कृष्ण सिंह एवं एआरटी सेंटर की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रभाती केसरी शामिल हुईं। इस दौरान मरीजों को एचआईवी प्रभावित बच्चों के इलाज से लेकर टीकाकरण तक की जानकारी दी गई।
इस दौरान डॉ. प्रभाती केसरी ने बताया कि अभी एचआईवी को लेकर एक जागरूकता कार्यक्रम कराया जा रहा है। एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस भी है। तब तक हमलोग अधिक से अधिक लोगों को जागरूक कर देना चाहते हैं, ताकि आगे चलकर हमलोग एचआईवी फ्री भारत बना सकें। उन्होंने कहा कि बहुत लोगों को पता नहीं होता है कि एचआईवी क्या बीमारी है। कैसे आ जाता है। बहुत सारी गरीब परिवार की औरतें, जिनके पति बाहर काम करते हैं। बहुत तरह के काम होते हैं। कोई गाड़ी चलाते हैं या फैक्ट्री में काम करते हैं या फिर कोई बड़े लेवल पर भी होते हैं। ऐसा भी होता है कि वहां पर ऐसी औरतों से संपर्क होता है जिससे कि एचआईवी हो जाता और जाने अनजाने में वे लोग इंफेक्शन लेकर के आते हैं। यहां पर अपने परिवार को जब शादी- ब्याह होता है तो और अपने परिवार को वह बीमारी दे देते हैं। इससे बचने की जरूरत है।
– असुरक्षित यौन संबंध से करें परहेज, एड्स संक्रमण से रहें दूर :-
एड्स से बचाव के लिए असुरक्षित यौन संबंध से बिलकुल परहेज करें। दरअसल, ऐसी स्थिति में एड्स संक्रमण की चपेट में आने की प्रबल संभावना रहती है। इसलिए ऐसे संबंध से परहेज कर एड्स संक्रमण से दूर रहें।
– ये हैं लक्षण :-
एड्स के शुरुआती लक्षण हैं , मरीज का शारीरिक वजन कम होना, लंबे समय तक बुखार रहना, काफी दिनों तक डायरिया होना, शरीर में गिल्टी होना। इस तरह की परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सकों से जाँच कराएँ।

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