देश-दुनियाँ

प्राइवेट क्लीनिक पर इलाजरत यक्ष्मा मरीजों का निश्चय पोर्टल पर निबंधन करना अनिवार्य

– विशेष अभियान चलाने के लिए बनाई गई है रणनीति

मुंगेर, 02 दिसंबर-

टीबी की बीमारी से भारत में प्रति वर्ष लाखों लोगों की मौत हो जाती है।मौत के कारणों के आधार पर यदि देखा जाए तो सबसे ज्यादा लोगों की मौत का कारण बनने के मामले में टीबी नौवें नंबर पर आता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय  टीबी की बीमारी के उन्मूलन का प्रयास कर रही है। जिसके लिए सरकार के द्वारा 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार हर मरीज का समुचित इलाज सुनिश्चित करने के साथ मरीजों का उचित पोषण उपलब्ध करवा रही है क्योंकि पोषण के अभाव में इस बीमारी का उन्मूलन बहुत कारगर नहीं होगा। इसी कारण सरकार सभी टीबी के मरीजों को इलाज के दौरान 500 रुपये प्रति माह की भी मदद दे रही है। वहीं  विभाग के निर्देश के अनुसार अब प्राइवेट क्लीनिक  पर इलारत यक्ष्मा मरीजों का भी निश्चय पोर्टल पर निबंधन करना अनिवार्य कर दिया गया है। निक्षय पोर्टल पर एंट्री को लेकर डॉक्टर को भी प्रत्येक मरीज के आउटकम पर 500 रूपये का प्रावधान है।

टीबी पर प्रभावी नियंत्रण और उन्मूलन के लिए सरकार ने एक नई योजना शुरू की –

जिला के टीबी एवम एचआईवी रोग समन्वयक शैलेंदु कुमार ने बताया कि टीबी पर प्रभावी नियंत्रण और उन्मूलन के लिए सरकार ने एक नई योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य क्षय रोग से मुक्ति पाना है। नई योजना के तहत सारथी के तौर पर निश्चय पोर्टल बनाया गया है। इसके माध्यम से प्रशासनिक स्तर पर ऑनलाइन निगरानी की जा रही है। पोर्टल के माध्यम से टीबी मरीजों और उनके इलाज से संबंधित सूचनाएं और इलाज से स्वास्थ्य में सुधार की जानकारियां दर्ज हो रही हैं। प्रतिदिन पोर्टल अपडेट किया जा रहा है।

टीबी का हर चौथा मरीज भारतीय :

जिला संचारी रोग पदाधिकारी  डॉ. ध्रुव कुमार शाह ने बताया कि भारत में टीबी के मरीजों की संख्या पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है। टीबी का हर चौथा मरीज भारतीय है। आंकड़ों के रूप में लगभग 30 लाख लोगों को टीबी की बीमारी होती है। इस मामले में सबसे दुखद पहलू यह है कि सभी लोगों को इलाज नहीं मिल पाता है। बड़ी संख्या में केस अनरजिस्टर्ड ही रह जाते हैं। हालांकि प्रयास है कि जल्द ही सभी रोगियों को रजिस्टर्ड करने और उनका इलाज करने में हमलोग सक्षम हो जायेंगे। प्राइवेट अस्पतालों से भी प्रतिवर्ष हजारों मरीज सामने आ रहे हैं। जिसको चिह्नित कर उचित परामर्श तथा  दवा उपलब्ध करायी जा रही है।

क्या है लक्ष्य :

वैश्विक रूप से डब्ल्यूएचओ एवं भारत सरकार ने जो लक्ष्य तय किया है, उसके मुताबिक टीबी मरीजों की कुल संख्या को 2030 तक 2015 के कुल मरीजों की संख्या के बीस फीसदी तक ले आना है। इससे अलग हटकर भारत सरकार ने अपने लिए यह समय सीमा 2025 तक तय किया है।

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