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परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए समीक्षात्मक बैठक आयोजित,दिए गए जरूरी निर्देश

 

– ऑनलाइन के माध्यम से हुई बैठक, जिले के पदाधिकारी हुए शामिल
– परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए लाभार्थियों को जागरूक और प्रेरित करने पर दिया गया बल

लखीसराय, 12 जनवरी। गुरुवार को परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के अपर सचिव सह मिशन निदेशक, एमओएचएफडब्ल्यू की अध्यक्षता में वेबिनार के माध्यम एक दिवसीय राज्यस्तरीय समीक्षात्मक बैठक हुई। जिसमें जिले से एसीएमओ सह जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डीसीएम, डीपीसी, डीडीए शामिल हुए। बैठक के दौरान परिवार नियोजन के विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए समीक्षा की गई। जिसके बाद परिवार नियोजन को और बढ़ावा देने के लिए आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए गए। साथ ही परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए परिवार नियोजन के अंतर्गत आने वाली सभी सुविधाओं को मजबूत और सुदृढ़ बनाने पर बल देते हुए मौजूद प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी दी गई। वहीं लाभार्थियों को परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधन को अपनाने के लिए जागरूक व प्रेरित करने पर जोर दिया गया। ताकि सामुदायिक स्तर पर परिवार नियोजन के साधन का संदेश पहुँच सके और अधिकाधिक लाभार्थी सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकें ।

– प्रसव के बाद परिवार नियोजन के साधन की सुविधा उपलब्ध कराने की दी गई जानकारी :
एसीएमओ सह जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया, बैठक के दौरान मौजूद प्रतिभागियों को परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत जानकारी दी गई। जिसमें बताया गया कि अस्पताल आने वाली सभी प्रसूति महिलाओं को प्रसव के बाद इच्छानुसार परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई सुविधा उपलब्ध कराना है। ताकि अगले बच्चे के जन्म में निर्धारित समयांतराल सुनिश्चित हो सके और जच्चा-बच्चा स्वस्थ रहे। इस दौरान एक (पहला) बच्चे वाली माँ पर विशेष ध्यान रखना है। इसके अलावा परिवार नियोजन के साधन को अपनाने से होने वाले फायदे समेत अन्य जरूरी जानकारी भी दी जाएगी।

– पुरुष नसबंदी और पीपीआईयूसीडी की सुविधा उपलब्ध कराने पर भी दिया गया बल :
बैठक के दौरान पुरुष नसबंदी और पीपीआईयूसीडी की सुविधा उपलब्ध कराने पर भी बल दिया गया। जिसमें बताया गया कि महिला बंध्याकरण से पुरुष नसबंदी ज्यादा आसान है। किन्तु, इसके लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। ताकि परिवार नियोजन में पुरुष भी अपनी भूमिका को समझ परिवार नियोजन के लिए आगे आ सकें । साथ ही प्रसव के उपरांत (तुरंत बाद) इच्छुक महिलाओं को पीपीआईयूसीडी की सुविधा की जानकारी देते हुए सेवा मुहैया कराने पर भी बल दिया गया। जिसमें बताया गया कि पीपीआईयूसीडी की सुविधा भी परिवार नियोजन के लिए काफी कारगर और प्रभावकारी है। इसलिए, इच्छुक लाभार्थी बेहिचक सुविधा का लाभ प्राप्त कर परिवार नियोजन को बढ़ावा देने में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकते हैं।

– परिवार नियोजन के उद्देश्य :
– संतान की उत्पत्ति में अंतराल रखना।
– इच्छानुसार गर्भधारण करना।
– अनचाहे गर्भधान की रोक-थाम करना।
– परिवार में संतानों की संख्या निर्धारित करना।
– जन्म-दर में कमी लाना।
– मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना।
– जीवन स्तर में सुधार लाना।

– परिवार नियोजन के लाभ :
– परिवार नियोजन अपनाने से ज्यादा फायदा माँ के स्वास्थ्य को होता है।
– मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी होती है।
– छोटा परिवार, स्वस्थ, सुखी और संतुष्ट रहता है।
– दो बच्चे के बीच 3-5 साल का अंतर रखकर वह अपना और बच्चे का ध्यान अच्छे से रख सकती है।
– परिवार का छोटा आकार, अपनी आय का उच्च प्रतिशत बचाने में सक्षम होता है।

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