यूपी की आवाज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में मुरादाबाद में 13 अगस्त 1980 को हुए दंगे की रिपोर्ट पेश की है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने यह रिपोर्ट सदन के पटल पर रखा है।
496 पेज की है रिपोर्ट
496 पेज की इस रिपोर्ट में मुरादाबाद दंगे की पूरे घटनाक्रम का विस्तार से उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 13 अगस्त को ईद के दिन सुबह की नमाज अदा की जा रही थी। मुरादाबाद में परम्परा रही है कि नमाज के बाद हिन्दू समाज के लोग ईद की बधाई देने के लिए आते थे। उस दिन भी आए। पुलिस प्रशासन की चाकचौबंद व्यवस्था में उल्लास के साथ ईद मनाई जा रही थी। यहां से कुछ दूर मुस्लिम लीग का शिविर लगा था। वहां से शोरगुल होने लगा। पुलिस मुख्य स्थान से हटर शोरगुल वाले स्थान पर पहुंची। मुस्लिम समाज के लोगों का कहना था कि सुअर के आ जाने से उनकी नमाज नाकाप हो गयी है। अधिकारियों ने मामले को शांत कराया। कुछ पुलिस बल को वहीं तैनात कर अधिकारी वहां निकले ही थे कि फिर से बवाल शुरू हो गया। मुबारकबाद देने आए हिन्दुओं और पास के हिन्दुओं के मकानों पर पत्थरों से हमला बोल दिया गया। इस घटना में पुलिस के हथियार छीने गए, अधिकारियों, पुलिस कर्मियों पर हमला किया गया। लोगों की मौतें हुईं। हिन्दुओं में ज्यादातर दलित समाज के लोग थे। मुस्लिम लीग के लोग इसमें शामिल थे। इसी दंगे से जुड़ी पूरी रिपोर्ट मंगलवार को विधान सभा में पेश हुई है।
43 साल बाद पेश हुई रिपोर्ट
13 अगस्त 1980 को हुए इस दंगे की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया था। आयोग की रिपोर्ट को 43 साल बाद उप्र सरकार ने सार्वजनिक किया है। घटना के समय उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और वीपी सिंह मुख्यमंत्री थे।
विधानसभा में मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट पेश किए जाने पर सपा ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि सरकार महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट को सदन में पेश किया है।
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इस रिपोर्ट को बहुत पहले ही पेश कर देना चाहिए था। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि यह रिपोर्ट छिपाई गई थी। अब लोगों को मुरादाबाद दंगे की सच्चाई का पता चलेगा। इससे यह भी पता चलेगा कि दंगा कौन करता है और कराता है।