उत्तर प्रदेश

जुलाई माह की रैंकिंग में गौतमबुद्धनगर समेत 12 जिलाधिकारियों का काम उम्दा

  • अयोध्या के डीएम सबसे फिसड्डी
  • फर्रुखाबाद के डीएम 73वें पायदान पर
यूपी की आवाज

लखनऊ। गौतमबुद्धनगर समेत 12 जिलों के जिलाधिकारियों के कार्य की प्रशंसा हो रही है। माह जुलाई की रैंकिंग में इन जिलाधिकारियों ने उम्दा काम किया है। प्रदेश सरकार की रैंकिंग में उन्हें टॉप-12 में स्थान दिया गया है। दूसरी ओर, 75 जिलों के इस मूल्यांकन में अयोध्या के डीएम सबसे फिसड्डी साबित हुए हैं। जबकि, फर्रुखाबाद व रामपुर के डीएम को क्रमश: 73वां व 74वां स्थान मिला है। इस रैंकिंग में जहां सहकारिता विभाग अव्वल आया है, वहीं नियोजन विभाग सबसे निचले पायदान पर रहा।
आपको बता दें प्रदेश सरकार हर माह सभी जिलाधिकारियों के कामकाज के आधार पर रैंकिंग देती है। इसमें जनता की समस्याओं के समाधान का स्तर और विकास कार्यों की प्रगति समेत तमाम बिंदु शामिल होते हैं। कुल 130 अंकों के पूर्णांक में से नंबर दिए जाते हैं। जुलाई माह की रैंकिंग में पीलीभीत, सोनभद्र, गौतमबुद्धनगर, हमीरपुर, भदोही व बलरामपुर के डीएम को 128 अंक प्राप्त हुए हैं, जिसके आधार पर उन्हें रैंक-1 दी गई है। खीरी, शाहजहांपुर, बरेली, बागपत, फिरोजाबाद व महोबा के डीएम के 127 अंक हासिल करने पर रैंक-7 पर रखा गया है।
अयोध्या, रामपुर व फर्रुखाबाद के डीएम क्रमश: 112, 115 व 118 अंक हासिल करके नीचे से तीन स्थानों पर आए हैं। जबकि ललितपुर, आगरा, मुरादाबाद, कुशीनगर व कन्नौज के जिलाधिकारियों को एकसमान 119 अंक मिले हैं।

रैंक-1 पाने वाले 6 जिलाधिकारी : पीलीभीत, सोनभद्र, गौतमबुद्धनगर, हमीरपुर, भदोही व बलरामपुर।

रैंक-7 पाने वाले 6 जिलाधिकारी : खीरी, शाहजहांपुर, बरेली, बागपत, फिरोजाबाद व महोबा।

रैंक-13 पाने वाले 9 जिलाधिकारी : रायबरेली, झांसी, मिर्जापुर, इटावा, अलीगढ़, बहराइच, कौशाम्बी, मैनपुरी व बांदा।

रैंक-22 पाने वाले 8 जिलाधिकारी : चंदौली, बदायूं, बलिया, गोंडा, अंबेडकरनगर, प्रयागराज, उन्नाव व अमेठी।

रैंक-30 पाने वाले 16 जिलाधिकारी : गाजियाबाद, प्रतापगढ़, बुलंदशहर, बस्ती, मथुरा, मेरठ, सहारनपुर, सीतापुर, अमरोहा, जौनपुर, कासगंज, औरैया, श्रावस्ती, बाराबंकी, आजमगढ़ व हापुड़।

रैंक-46 पाने वाले 6 जिलाधिकारी : संतकबीरनगर, मुजफ्फरनगर, चित्रकूट, महराजगंज, एटा व गाजीपुर।

रैंक-52 पाने वाले 9 जिलाधिकारी : हाथरस, हरदोई, सिद्धार्थनगर, शामली, कानपुर शहर, लखनऊ, देवरिया, बिनजौर व संभल।

रैंक-61 पाने वाले 7 जिलाधिकारी : जालौन, गोरखपुर, फतेहपुर, मऊ, वाराणसी, कानपुर देहात व सुल्तानपुर।

रैंक-68 पाने वाले 5 जिलाधिकारी : ललितपुर, आगरा, मुरादाबाद, कुशीनगर व कन्नौज।

रैंक-73 पर जिलाधिकारी : फर्रुखाबाद।

रैंक-74 पर जिलाधिकारी : रामपुर

रैंक-75 पर जिलाधिकारी : अयोध्या

रैंकिंग में टॉप-5 पर रहे विभाग : सहकारिता विभाग, नगर विकास तथा नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, सिंचाई-जल संसाधन, कृषि विभाग व ग्राम्य विकास विभाग।

रैंकिंग में बॉटम-5 यानी सबसे फिसड्डी रहे विभाग : नियोजन विभाग, होमगार्ड, खेलकूद विभाग, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास व प्राविधिक शिक्षा।

शाहजहांपुर के डीएम का फरमान : जिनके कारण रैकिंग में पिछड़ेंगे, उन्हें पुलिस लाकर करेगी पेश

रैंक-7 हासिल करने वाले शाहजहांपुर के जिलाधिकारी इस संबंध में अपने एक आदेश के लिए चर्चा में है। 14 अगस्त के अपने इस आदेश में उन्होंने कहा कि आईजीआरएस पोर्टल की मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट में नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसके तहत अब संबंधित माह में किसी भी तिथि में डिफॉल्टर हुए संदर्भ को उस माह के लिए डिफॉल्टर ही माना जाएगा। जबकि, पहले माह के अंत में बचे डिफॉल्टर संदर्भों के आधार पर अंक दिए जाते थे। अगर भविष्य में किसी भी कार्यालय अध्यक्ष के पोर्टल पर कोई डिफॉल्टर संदर्भ पाया जाएगा तो उस अधिकारी को उसके पटल सहायक समेत संबंधित थाना प्रभारी के माध्यम से पुलिस अभिरक्षा में उनके सामने पेश किया जाएगा। सभी थाना प्रभारी सुनिश्चित करेंगे कि कंट्रोल रूम से इस संबंध में सूचना प्राप्त होने पर संबंधित अधिकारी और उनके पटल सहायक को पुलिस अभिरक्षा में उनके सामने प्रस्तुत किया जाए।

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