देश-दुनियाँ

मोदी जी के ‘मेरी माटी, मेरा देश’ अभियान के तहत ‘अमृत कलश यात्रा’ का अमित शाह ने किया आगाज

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को देश की राजधानी दिल्ली में ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के अंतर्गत ‘अमृत कलश यात्रा’ का आगाज किया। इस मौके पर अपने संबोधन में शाह ने स्पष्ट किया कि, ‘’मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम की टैगलाइन ‘मिट्टी को नमन, वीरों का वंदन’ अपने आप में बहुत कुछ कह देती है। ‘मेरी माटी, मेरा देश’ कार्यक्रम के पीछे एक ही आस्था है – माँ भारती को आजाद कराने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीरों का वंदन और उनका स्मरण।’ चंद्रयान-3 का चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग को लेकर भी शाह ने देशवासियों को बधाई दी और कहा कि आज हर देशवासी गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की सफलता के बाद देश के लिए अपनी जान देने वाले वीरों के सम्मान हेतु ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम के माध्यम से गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने की एक नई दृष्टि मिलेगी।
यह अभियान गाँव, पंचायत, ब्लॉक, शहरी स्थानीय निकाय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके ‘जनभागीदारी’ को बढ़ावा देने के लिए है। इस अभियान के तहत देशभर में ‘अमृत कलश यात्रा’ भी आयोजित की जाएगी। देश के कोने-कोने से कलशों में मिट्टी और पौधे लेकर ‘अमृत कलश यात्रा’ देश की राजधानी दिल्ली तक का सफर तय करेगी। मिट्टी और पौधों को मिलाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास ‘अमृत वाटिका’ बनाई जाएगी, जो ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का प्रतीक बनेगी।
महान भारत की रचना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिए गए पंच प्रण – विकसित भारत का लक्ष्य, गुलामी की मानसिकता से आजादी, अपनी जड़ों और परंपराओं पर गर्व करना, एकता और अखंडता के लिए संपूर्ण जीवन समर्पित करना तथा नागरिकों में कर्तव्य की भावना को जागरूक करना – की प्रतिज्ञा को आज अमृतकाल में साकार करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। महान भारत की रचना में हर परिवार, हर व्यक्ति, हर युवा, हर बच्चा समर्पित भाव से अपना योगदान दे पाए, इस तरह के ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम की कल्पना मोदी-शाह की जोड़ी ही कर सकती है, जिनके मन में राष्ट्रभक्ति का अकूत भंडार भरा है।
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