– पंडित नरहरि पाठक मल्लिक जन्मशताब्दी संगीत समारोह में फाग परंपरा की झलक
नई दिल्ली-
ध्रुपद गायन संगीत परंपरा की वाहक व दरभंगा घराने की विशिष्ट गायन शैली की अनोखी जुगलबंदी श्रोताओं को रसरंजित कर गई। दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सैंटर स्थित अमलतास सभागार में स्वामी हरिदास परंपरा के संवाहक व दरभंगा घराने के महान गायक स्वर्गीय पंडित नरहरि पाठक मल्लिक के जन्मशताब्दी संगीत समारोह में ध्रुवपद गायन और वायलिन वादन ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। इस संगीतमय सुरमयी शाम की शुरूआत पंडित बृजभूषण गोस्वामी ने अटल गायन से की। उसके उपरांत उन्होंने आलाप, विस्तृत आलाप, धमार में बाल ऐरि घप बाजन लागे के बाद छंद, ऋचा गायन के साथ-साथ राग बंदिश में तेवरा ताल में निबद्ध बंदिश को प्रस्तुत किया। ध्रुवपद का आलाप, होली के बाद राग यमन में धमार के साथ उन्होंने अपने गायन को विराम दिया।
वृंदावन की ध्रुवपद शैली, हवेली संगीत परंपरा और तानसेन की रचनाओं के साथ तैयार किया गया पंडित गोस्वामी का ध्रुवपद गायन कर्णप्रिय रहा। इस विशेष प्रस्तुति में उनके साथ पखावज पर पंडित मनमोहन नायक, सारंगी में पंडित घनश्याम सिसोदिया, सारंगी पर पंडित घनश्याम सिसोदिया ने बेहतरीन संगत दी। इस संगीतमय शाम की दूसरी प्रस्तुति में दिल्ली के प्रख्यात वायलिन वादक पंडित संतोष नाहर और तबला वादक पंडित प्रदीप कुमार सरकार की जुगलबंदी की कमाल की रही। संतोष नाहर ने ठुमरी, दादरा, चैती, कजरी, टप्पा के साथ एक ताल, तीन ताल, द्रुत, स्वर आलाप, द्रुत में अलंकारी तानों के अलावा सम्राट की ताल, गमक, गायकी, वादन तंत्र का सुंदर सुमेल की मनोरम प्रस्तुति ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया। पखावज पर पंडित मोहन नायक, सारंगी में पंडित घनश्याम सिसोदिया ने भी सधी हुई संगत की। तानपुरे पर सरदार बूटा सिंह और भव्या शास्वत से सुंदर संगत की।
धु्रवपद गायक डाक्टर प्रभाकर मल्लिक ने दरभंगा घराने के सुप्रसिद्ध ध्रुवपद गायन परंपरा के बारे में श्रोताओं को अवगत कराते हुए कहा कि पंडित नरहरि पाठक मल्लिक के घराने की परंपरा लगभग 1442 से चली आ रही है। डाक्टर प्रभाकर ने दरभंगा राज़दरबार के राज गायक पंडित क्षितिपाल मल्लिक की गायन शैली, ध्रुवपद ख्याल गायिकी के बारे में भी सुधि श्रोताओं को बताया। कार्यक्रम में कलाकारों का परिचय मंच संचालिका ज्योति ने बारी-बारी से दी। इस अवसर पर यूएसए से विशेष रूप से पधारे शेखर गुप्ता, संगीत विशेषज्ञ विजय शेखर, लक्ष्मी नारायण पाठक, प्रहलाद मिश्रा, कला समीक्षक मंजरी सिन्हा सहित संगीत व कला क्षेत्र की दिग्गज नामचीन हस्तियां उपस्थित थीं।