यूपी की आवाज
लखनऊ। शहर के विनय खण्ड में होटल प्रकाश इन का नाम अक्सर ग्राहकों से चेकआउट की समस्या पर कहासुनी के लिए सामने आता रहा है। चेकआउट के पुराने नियमों को फालो करने के कारण होटल प्रबंधन को अगली बुकिंग के लिए कमरा खाली कराना पड़ता है। वहीं ग्राहक अपने 24 घंटे जोड़ता है। होटल प्रबंधन ने अपने नियमों को जबरन ग्राहकों पर थोपे लेकिन निर्माण में वैधानिक कार्यवाही को दरकिनार कर दिया। इसके चलते लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने होटल को सील कर दिया है।
होटल प्रकाश इन के मालिक रविन्द्र नाथ ने शहर के मध्य में तीन सौ वर्गमीटर क्षेत्रफल में एक बेहतरीन होटल बनाने का प्रयास किया। इसके लिए सबसे पहले रविन्द्र नाथ ने अपने व्यापार के सहयोगी के साथ जमीन की खरीद की। पहले होटल का बेसमेंट बनवाया, फिर प्रथम तल और इसके बाद द्वितीय तल का निर्माण भी करा डाला। होटल बनाते हुए रविन्द्र नाथ ने जरुरतों को मुहैया कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
होटल का निर्माण हो जाने के बाद यहां चेकआउट के नियमों को लागू किया गया, जिससे कमरों को समय से बुकिंग किया जा सके। रविन्द्र नाथ ने होटल में चेकआउट का नियम तो बनाया, लेकिन एलडीए के नियमों को फालो करना भूल गये। एलडीए के जोन एक के तहत आने वाले क्षेत्र में बने होटल प्रकाश इन की बिल्डिंग को नियमों को ताक पर रखकर बनाया गया। एलडीए के जोन अधिकारी की देखरेख में इसकी जांच हुई तो पूरा निर्माण कार्य अवैध पाया गया।
एलडीए ने होटल प्रकाश इन को चेतावनी भरे पत्र लिखे, जिस पर रविन्द्र नाथ ने एलडीए में दौड़ भी लगायी, जो काम नहीं आयी। अवैध निर्माण कार्य पर एलडीए की विहित न्यायालय के निर्देश पर सहायक अभियंता अवधेश कुमार, अवर अभियंता राजीव कुमार, अवर अभियंता सत्यवीर सिंह ने सील की कार्रवाई की। इस दौरान स्थानीय थाना की पुलिस बल का सहयोग लेना पड़ा। मौके पर रविन्द्र नाथ के समर्थकों ने थोड़ा विरोध किया लेकिन बाद में शांत हो गये।