उत्तर प्रदेश

ग्रामीण उपभोक्ता से अधिक बिल वसूली मामले आयोग पहुचा परिषद

  • नियामयक आयोग ने तलब की रिपोर्ट

यूपी की आवाज

लखनऊ। प्रदेश के सभी बिजली कंपनियों में 636 आईपीडीएस टाउन सहित अनेकों जनपदों में बिजली आपूर्ति अधिक दिए जाने के नाम पर लाखों ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं शहरी दरों पर बिलिंग का मामला आयोग पहुंच चुका है। आयोग ने इस मामले में सम्पूर्ण रिपोर्ट तलब की हैै। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार सदस्य बीके श्रीवास्तव और संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों व पावर कारपोरेशन के खिलाफ विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश व टैरिफ आदेश का उल्लंघन किए जाने के लिए विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 के तहत अवमानना याचिका दाखिल कर दी। उपभोक्ता परिषद ने सभी पहलुओं पर चर्चा करते हुए सबूत के तौर पर सभी व दस्तावेज भी पेश किए। ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं की ग्रामीण दरों को परिवर्तित कर शहरी दरों में उनसे करोडों रुपए अधिक वसूले गए जिसकी तत्काल वापसी कराए जाने की मांग रखी।उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग के सामने यह भी मुद्दा रखा कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाए। उपभोक्ता परिषद के अनुसार दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत मैनपुरी जालौन उरई आगरा हाथरस बांदा इटावा सहित अनेको जनपदों नोएडा बुलंदशहर में उपभोक्ताओं से ग्रामीण दर के बजाय शहरी दर पर वसूली की गई है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश के दूसरी बिजली कंपनियों मे भी आई स्थिति सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने अपनी अवमानना याचिका में आयोग द्वारा पूर्व में जारी आदेश सहित प्रदेश के ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर पावर कॉरपोरेशन द्वारा आयोग आदेश को कडाई से लागू करने का वह आदेश भी संलग्न किया। जिसमें सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को यह निर्देश दिए गए हैं कि केवल आपूर्ति घंटों में बढोतरी के आधार पर किसी भी ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं की बिलिंग को शहरी दर के आधार पर नहीं की जा सकती। उपभोक्ता परिषद ने अपनी याचिका में विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी किए गए मुआवजा कानून को भी आधार बनाया। जिसमें सभी उपभोक्ता समस्याओं से संबंधित मानक पर शहरी व ग्रामीण का वर्गीकरण अलग-अलग तरीके से किया गया है। ऐसे में बिजली कंपनियों ने ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को सुविधा तो ग्रामीण क्षेत्र के आधार पर दी लेकिन उनसे वसूली शहरी आधार पर करने के लिए आगे कार्यवाही को बढाया जो आयोग के आदेशों की अवमानना है। उपभोक्ता परिषद ने आयोग चेयरमैन अरविंद कुमार जी से मांग की कि इस पूरे मामले पर आयोग इन्वेस्टिगेटिंग अथॉरिटीगठित करा कर जांच करा ले स्वत: सच्चाई का खुलासा हो जाएगा कि किन किन जनपदों में विद्युत उपभोक्ताओं से अधिक वसूली की गई है। आयोग का उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को भरोसा कहा उपभोक्ताओं का उत्पीडन नहीं होने देंगे विद्युत नियामक आयोग पूरे मामले की रिपोर्ट मंगा कर कानून की परिधि में कार्यवाही शुरू करेगा।

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