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सोशल मीडिया के युग में डाक विभाग को प्रासंगिक बने रहने के लिए विकसित होना होगा : राष्ट्रपति

यूपी की आवाज

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को भारतीय डाक सेवा में ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि त्वरित संदेश और सोशल मीडिया के युग में डाक विभाग को प्रासंगिक बने रहने के लिए विकसित होना होगा।
भारतीय डाक सेवा (2021 और 2022 बैच) के प्रोबेशनर्स ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों की भूमिका इस देश के लोगों की सेवा करने के इर्द-गिर्द घूमती है और इसलिए ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि त्वरित संदेश और सोशल मीडिया के युग में डाक विभाग को प्रासंगिक बने रहने के लिए विकसित होना होगा। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि विभाग डिजिटल परिदृश्य के अनुकूल अपनी सेवाओं को सक्रिय रूप से आधुनिक बना रहा है। उन्होंने कहा कि इस परिवर्तनकारी यात्रा में युवा परिवीक्षार्थियों के नवीन विचार अमूल्य होंगे।
उन्होंने कहा कि डाक विभाग, अपनी 160 साल की उल्लेखनीय यात्रा के साथ, हमारे राष्ट्र की सेवा के प्रतीक के रूप में खड़ा है। लगभग 1,60,000 डाकघरों का इसका व्यापक नेटवर्क इसे दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क बनाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय डाक नेटवर्क एक एकीकृत सूत्र के रूप में कार्य करता है, जो हमारी संस्कृतियों और परंपराओं की विशाल श्रृंखला को एक साथ बांधता है।
राष्ट्रपति ने वित्तीय समावेशन में डाक विभाग की भूमिका की सराहना की। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि विभाग ने वित्तीय अंतर को पाटने और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को सशक्त बनाने के लिए रणनीतिक पहल की है। उन्होंने कहा कि डाक विभाग ने सरकारी सब्सिडी, कल्याण भुगतान और पेंशन के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि डाकघरों के माध्यम से धन के निर्बाध वितरण से बिचौलियों पर निर्भरता कम हुई है और रिसाव भी कम हुआ है।

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