यूपी की आवाज
कंपिल(फर्रुखाबाद)। गंगा नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से हो रहे कटान को देखते हुए कंपिल-बदायूं मार्ग पर यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इससे करीब दो दर्जन गांवों का संपर्क कट गया है। बाढ़ पीडि़तों तक राहत सामग्री भी नही पहुंच पा रही है। हजारों लोग प्रशासन की ओर से मदद का इंतजार कर रहे हैं।
प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत कैंपों पर भी किसी तरह की कोई सुविधा शरणार्थियों को मुहैया नहीं कराई जा रही है। क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इकलहरा, शाहपुर, गंगपुर, सींगनपुर, पुंथर, पथरामई, बहबलपुर, मिस्तनी, हमीरपुर मजरा जाति करीब दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों के लिए प्रशासन ने कंपिल में दो राहत शिविर बनाए हैं, लेकिन जानकारी के अभाव व राहत शिविरों में कोई व्यवस्था न होने से बाढ़ पीडि़त गांव से निकलकर जाने को तैयार ही नहीं हैं। तहसील प्रशासन के द्वारा शनिवार सुबह मुनादी करवाने के बाद सुबह से ही पलायन करने वालों की लंबी लाइन लगी रही। लोग जानवर समेत बुग्गी में अपना सामान भरकर नजदीकी रिश्तेदारी में जा रहे है या राहत शिविर में पहुंच रहे है। गांव इकलहरा निवासी रफी ने बताया वह अपने नजदीकी रिश्तेदार के घर गांव समौदिया जा रहे हैं जब तक बाढ़ रहेगी तब तक वह वहीं रहेंगे। इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा चारा भी नहीं है। वहीं कंपिल के राहत शिविर केएसआर इंटर कॉलेज में इकलहरा निवासी नूरबानी अपने परिवार समेत तांगे से पहुंची, लेकिन कॉलेज के प्रधानाध्यापक दीनदयाल ने पीडि़त परिवार से कहा कि जब तक उप जिलाधिकारी का आदेश नहीं आता वह स्कूल में प्रवेश नहीं करने देंगे।
नूरवानी गर्भवती है। दूसरा बाढ़ राहत शिविर जैन धर्मशाला में खोला गया। यहां पर भी शरणार्थियों के रहने के लिए कोई इंतजाम नहीं दिखा। देर शाम तक कई पीडि़त बैल गाडिय़ों में अपने जरूरी सामान को समेटकर छत के लिए भटकते रहे।