यूपी की आवाज
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चित्तौड़गढ़ सभा में अपने भाषण के दौरान कई छुपे संदेश दिए। सूत्रों का कहना है कि ये बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए हैं। भाषण के दौरान गहलोत सरकार की योजनाओं, मोदी मतलब गारंटी, चुनाव में एक ही चेहरा-कमल का फूल आदि का उल्घ्लेख किया। कमल के फूल के जरिए उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को संदेश दिया कि वे किसी एक चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने गहलोत पर हमला बोलकर यह संदेश दे दिया कि यह चुनाव मोदी बनाम गहलोत होगा।
मोदी ने अपने भाषण के जरिए न सिर्फ छुपे संदेश दिए, बल्कि बीजेपी का एक्शन प्लान भी बताया। पीएम मोदी ने साफ किया कि राज्य में बीजेपी सरकार आने के बाद भी गहलोत सरकार की जनहित योजनाएं बंद नहीं की जाएंगी। मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि भाजपा की सरकार आयी, तो उनकी योजनाएं बंद कर दी जायेंगी। मतलब साफ है कि गहलोत ने मान लिया है कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। मोदी ने कहा, मैं राजस्थान की जनता को विश्वास दिलाता हूं कि बीजेपी सरकार बनने के बाद जनहित की कोई भी योजना बंद नहीं की जाएगी, बल्कि इसे और बेहतर बनाने का प्रयास किया जायेगा। दरअसल, रविवार को देशभर से सरकारी कर्मचारी केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में जुटे थे। कर्मचारियों की मांग थी कि केंद्र सरकार राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल की तर्ज पर केंद्रीय कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ दे। ऐसे में केंद्र सरकार पर केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू करने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। पीएम मोदी ने गहलोत की इन प्रमुख योजनाओं को जारी रखने की बात कहकर एक तरह से विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में भी श्रमिक वर्ग को लुभाने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री मोदी एक साल में 10 बार राजस्थान का दौरा कर चुके हैं। पिछली दो बैठकों के बाद से उन्होंने राज्य की जनता के नाम अपना संबोधन बदल दिया है। आमतौर पर मोदी आम लोगों को मेरे प्यारे प्रदेशवासियों, भाइयों और बहनों कहकर संबोधित करते हैं। जयपुर और सांवलिया की सभाओं में मोदी ने राज्य की जनता को अपने परिवार का सदस्य कहकर संबोधित किया। इसके पीछे मंशा साफ है कि मोदी राज्य की जनता को यह संदेश देना चाहते हैं कि राजस्थान उनके लिए एक परिवार की तरह है, यहां रहने वाले लोग उनके परिवार का हिस्सा हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कमल को भारी बहुमत से जिताना है, कमल के नेतृत्व में चुनाव लड़ना है, कमल के निशान पर बटन दबाकर राजस्थान को आगे बढ़ाना है।सूत्रों ने बताया कि उनका इशारा मंच पर बैठे नेताओं की ओर भी था। मोदी यह साफ करना चाहते हैं कि कोई भी नेता पार्टी से बड़ा नहीं हैै। हर नेता और कार्यकर्ता की पहचान कमल के फूल से होती है। यानी जब तक वह पार्टी में हैं, उनकी पहचान वहीं तक सीमित है। साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को भी साफ संदेश दिया कि वे किसी गुट में न रहें, उन्हें गुटबाजी का शिकार नहीं होना चाहिए। यह भी साफ कर दिया गया कि चुनाव में बीजेपी का कोई चेहरा नहीं होगा. चेहरा केवल कमल का फूल होगा।