यूपी की आवाज
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के उपाध्यक्ष डॉ इन्द्रमणि त्रिपाठी और बिल्डरों (निजी विकासकर्ता) के साथ हुई बैठक बिल्डरों के हित में सफल रही। उपाध्यक्ष ने बिल्डरों को मेट्रो लाइन के दोनों ओर पांच सौ मीटर के दायरे के ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) जोन में बहुमंजिला इमारतें बनाने की स्वीकृति दे दी। साथ ही बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए यह भी तय कर दिया गया कि बिना जोनल डेवलपमेंट प्लान के भी मानचित्र स्वीकृत कराया जा सकेगा।
उपाध्यक्ष डॉ इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि टीओडी के तहत मेट्रो लाइन के मध्य से दोनों तरफ 500-500 मीटर की परिधि में मिश्रित भू-उपयोग अनुमन्य किया गया है। इसमें एक हेक्टेयर तक के क्षेत्रफल में 70 प्रतिशत बुनियादी भू-उपयोग तथा 30 प्रतिशत मिश्रित भू-उपयोग अनुमन्य होगा।
उन्होंने आगे कहा कि एक हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में 50 प्रतिशत बुनियादी तथा 50 प्रतिशत हिस्से में मिश्रित भू-उपयोग का लाभ लिया जा सकेगा। इस योजना में शासन की अनुमति मिलने के बाद ही फैसला किया जा रहा है। व्यापारी, उद्यमी, विकासकर्ता चाहें तो वे एक साथ मिलकर टीओडी जोन में जमीनें खरीद कर नीति का लाभ उठाये और शहर में भव्य इमारतें बनाकर व्यवसायिक, आवासीय गतिविधियां चलाये।
एलडीए के अधिकारियों को निर्देशित कर डॉ इन्द्रमणि ने कहा कि टीओडी नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक आयोजित कर के उन्हें नीतियों की जानकारी दी जाए। टीओडी के अंतर्गत आने वाले सभी आवेदनों को सिंगल विन्डो सिस्टम के तहत निस्तारित कराया जाएगा, मॉनिटरिंग वह करते रहेंगे। इस योजना में अगर कोई व्यक्ति सड़क, पार्क, खुला क्षेत्र, हरित पट्टी व सार्वजनिक कार्य के लिए अपनी जमीन को प्राधिकरण को निःशुल्क देता है तो उसे जमीन की कीमत के बराबर अप्रूव्ड फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) दिया जाएगा। जिसे ट्रांसफर कर सकेंगे, बेच सकेंगे। इसके लिए सेंडिग व रीसीविंग जोन चिन्हित किये गये हैं।