यूपी की आवाज
वाराणसी। सावन मास के छठवें सोमवार और सावन के शिवरात्रि के दुर्लभ संयोग में काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में आस्था की अखंड जलधार पावन ज्योर्तिलिंग पर गिर रही है। दरबार में जलाभिषेक और दर्शन पूजन के लिए शिवभक्तों की अटूट कतार लगी हुई है।
राज राजेश्वर बाबा विश्वनाथ के स्वर्णिम दरबार और पूरे मंदिर परिक्षेत्र हर-हर महादेव और बोल बम… के उद्घोष से गुंजायमान है। दरबार में शाम को शिव, पार्वती और गणेश की झांकी सजाई जाएगी। शिव परिवार के एक साथ दर्शन के लिए भक्त बेकरार है। रात की शयन आरती में बाबा के इस स्वरूप का दर्शन होगा। धाम की ओर जाने वाला मार्ग और पूरा शहर शिवमय नजर आ रही है।
सावन के छठे और पुरुषोत्तम मास में बाबा विश्वनाथ के दरबार में मंगला आरती के बाद स्वर्णमंडित गर्भगृह के कपाट खुलते ही शुरू हुआ दर्शन-पूजन का सिलसिला अनवरत जारी है। मंदिर के गर्भगृह के बाहर से ही शिव भक्तों और कांवरियों को झांकी दर्शन मिल रहा है। पावन ज्योर्तिलिंग पर जल चढ़ाने के लिए लोहे के पात्र लगाए गए है। इन पात्रों से होकर गंगाजल और पूजा सामग्री सीधे बाबा के ज्योर्तिलिंग तक पहुंच रही है।
गंगा घाट पर पुण्य की डुबकी लगाने के बाद जल लेकर श्रद्धालु और कांवड़िये बाबा के धाम पहुंच रहे हैं। गोदौलिया, दशाश्वमेध और चौक क्षेत्र में शिवभक्तों का रेला उमड़ रहा है। श्रद्धालुओं की एक तरफ कतार गोदौलिया से होते हुए दशाश्वमेध घाट और दूसरी कतार चौक से आगे तक लगी रही। मध्यरात्रि के बाद से ही श्रद्धालु बांसफाटक और गेट नंबर चार की ओर से जाने वाली बैरिकेडिंग में अपना-अपना स्थान घेरकर भोर होने का इंतजार करने लगे थे। पूरा कॉरिडोर शिवभक्तों से पटा पड़ा है। सावन के छठे सोमवार को भी श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में 06 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन का अनुमान है।
प्रशासन की मानें तो शिव दरबार में दर्शन पूजन करने वाले शिवभक्तों की संख्या एक करोड़ की संख्या को पार कर सकती है। दरबार में शिवभक्तों ने अब तक हर सोमवार को बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा, गौरी शंकर स्वरूप, अमृत वर्षा स्वरूप, भागीरथी स्वरूप, तपस्यारत पार्वती स्वरूप के श्रृंगार के दर्शन किए हैं। सातवें सोमवार को देवाधिदेव के अर्धनारीश्वर स्वरूप का शृंगार होगा और अंतिम व आठवें सोमवार को बाबा का रुद्राक्ष श्रृंगार होगा।
उधर,गंगा में बढ़ाव को देखते हुए सुरक्षा कारणों से ललिता घाट से श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है। जो दर्शनार्थी मैदागिन चौराहा की ओर से आ रहे है। वे गेट नंबर-चार के पास बने चेकिंग पॉइंट से प्रवेश कर मंदिर में पहुंच रहे है। दर्शन के बाद उन्हें नंदू फारिया निकास द्वार से निकाला जा रहा है। जो शिवभक्त गोदौलिया चौराहे की ओर से आ रहे है, वह बांसफाटक से कोतवालपुरा होते हुए ढूंढीराज गणेश चेकिंग पॉइंट से मंदिर में प्रवेश कर रहे है। दर्शन के बाद वे नंदू फारिया निकास द्वार से निकल रहे है। इसी क्रम में जो दर्शनार्थी दशाश्वमेध घाट की ओर से आ रहे, वे सरस्वती फाटक से प्रवेश कर वाईएसके-2 चेकिंग पॉइंट से होकर दर्शन के बाद सरस्वती फाटक से ही निकल रहे हैं।
सावन माह के छठे सोमवार को महामृत्युंजय, गौरी केदारेश्वर, तिलभांडेश्वर, शूलटंकेश्वर, बीएचयू विश्वनाथ मंदिर सहित सभी प्रमुख शिवालयों में जलाभिषेक के लिए भीड़ उमड़ रही है। चौबेपुर कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव धाम में जलाभिषेक के लिए लाखों श्रद्धालुओं की अटूट कतार लगी हुई है।