उत्तर प्रदेश

ये लोग चांदी के चम्मच में खाने के आदी, गरीब की पीड़ा नहीं समझेंगे: योगी

  • कहा,2024 में खाता भी नहीं खुलेगा आपका, फिर बनने जा रही डबल इंजन की सरकार
यूपी की आवाज

लखनऊ।  विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे और अंतिम दिन नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग चांदी के चम्मच में खाने के आदी हैं और जो लोग चांदी के चम्मच में खाने के आदी होते हैं वो गरीब, किसान, दलित की पीड़ा को क्या समझेंगे?उन्हें जमीनी हकीकत की जानकारी नहीं है।

सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष अपनी विफलता को छुपाने के लिए, अब गरीबों को जो सरकारी आयुष्मान के कारण सुविधा मिल रही है वो नहीं दिखाई दे रही है। हमें विरासत में एक जर्जर व्यवस्था मिली थी उसे ठीक करने में समय तो लगता है। योगी ने विपक्ष पर तंज कसा कि 2024 में आपका खाता भी नहीं खुलने वाला है। 24 में फिर से डबल इंजन की सरकार आने वाली है। शिवपाल जी मैं कह रहा हूं आपके पास भी मौका है आपना रास्ता चुन लीजिए। नेता सदन सीएम योगी ने कहा कि खासतौर पर उत्तर प्रदेश के अंदर आज के दिन हम देखेंगे तो 15 से 20 जून के अंदर मानसून प्रवेश कर जाता था, हमारे अन्नदाता उसके हिसाब से ही तैयारी करते हैं। इस वर्ष मानसून की जो स्थिति है वो प्रदेश के अनुकूल नहीं है। आज आधा उत्तर प्रदेश ऐसा है जहां काफी कम बारिश हुई है। ये स्थिति उत्तर प्रदेश के लिए पश्चिम के कुछ जिलों में अतिरिक्त पानी की बात सामने आई है लेकिन वह स्थिति भी ठीक नहीं है। हम लोग किसी भी स्थिति में इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। हमने इसके लिए मीटिंग की और इस पर रणनीति बनाई। योगी ने कहा कि बाढ़ के कारण फसलों को जो नुकसान पहुंचा उसके आकलन का कार्य चल रहा है। उत्तर प्रदेश, देश का ऐसा भूभाग है जहां का एक बड़ा हिस्सा सिंचाई की सुविधाओं के लिए अनुकूल है। धान की नर्सरी लग चुकी है। सरकार अपने स्तर पर इस पर काम कर रही है। सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है कि हम अधिक से अधिक किसानों को मदद कर सकें। किसानों को मुआवजा देने की कार्रवाई को प्रारंभ कर दिया गया। 61320 किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराया गया। प्रदेश सरकार ने इससे पहले भी किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराया।

आपके पसंदीदा सांड की हम नंदी के रूप में करते हैं पूजा : मुख्यमंत्री

  • 2017 से पहले सपा कार्यालय तय करता था, किसे मिलेगा प्रधानमंत्री आवास

लखनऊ। यूपी विधानसभा मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन में बोलते हुए सीएम योगी ने विपक्ष के सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। सीएम योगी ने अखिलेश के सांड वाले हमले का जवाब देते हुए कहा, आपके पसंदीदा सांड का हम नंदी के रूप में पूजा करते हैं। इस बीच योगी ने शिवपाल की ओर इशारा करते हुए कहा, आप समझाते क्यों नहीं हो। शुक्रवार को सदन में अखिलेश यादव पर बरसते हुए सीएम योगी ने कहा, 2017 में जब यूपी में भाजपा की सरकार बनी तो उन्हें एक जर्जर व्यवस्था मिली थी। इसे ठीक करने में समय लगेगा। सदन में बैठे लोगों को सीएम योगी ने विश्वास दिलाया कि डबल इंजन की सरकार के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है। 2017 के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर हुई है, यूपी के अस्पतालों में बढ़ रही भीड़ इस बात का प्रमाण है। अखिलेश पर हमलावर हुए सीएम योगी ने कहा, 2017 से लगातार चुनाव हार रही है। 2024 में सपा का खाता भी नहीं खुलेगा। डबल इंजन की सरकार फिर से रिपीट करेगी। शिवपाल को देखते हुए सीएम योगी बोले, चच्चू अभी से रास्ता तय कर लो अपना, ये आपके साथ न्याय नहीं करेंगे। जब भी आप का नंबर आता है आपको चुपचाप काट दिया जाता है। अपने मित्र से कुछ तो सीखना चाहिए। सीएम योगी ने कहा, ये सरकार पहली सरकार है जिस सरकार ने अन्नदाता किसानों के हित में दो अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। अखिलेश की ओर देखते हुए सीएम योगी बोले, भाजपा सरकार में सर्प दंश से और आपके पसंदीदा सांड से मरने वालों को भी आपदा घोषित किया गया है। अखिलेश के सांड वाले सवाल पर सीएम योगी बोले-हमारे लिए सांड प्रिय हैं, नंदी के रूप में पूजा करते हैं, शिवपाल जी आप नहीं करते हैं क्या, कुछ तो समझाया करो।उन्होंने कहा, सर्पदंश, वन्यजीव, सांड से मारने पर सभी को आपदा की श्रेणी में घोषित करने वाला यूपी पहला राज्य बना है। इसको लेकर योगी ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा, आपको अवसर नहीं मिल पाया। आपको जनता ने इस लायक नहीं समझा कि आप ये सब कर सकें। वन्यजीवों पर बोलते हुए सीएम योगी ने बताया, उनकी सरकार में बाढ़ वाले क्षेत्रों में 20 तेंदुए को निकालकर उन्हें रेस्क्यू किया गया है, इसके लिए छह टीमें भी काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, हम किसान को सुरक्षा भी देंगे लेकिन वन्य जीवों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम भी करेंगे। वन विभाग के लोग भी इसके लिए कैंप कर रहे हैं। यूपी में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सीएम योगी ने अखिलेश को सदन में घेरा। सीएम योगी बोले-नेता विरोधी दल से पूछना चाहता हूं कि उनकी सरकार में लाभान्वित 55 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ क्यों नहीं मिला? ये पीडीए के फाल्ट नहीं हैं क्या? इसलिए क्योंकि वह दलित थे गरीब थे। सीएम योगी ने कहा, प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद 2017 से अब तक इन सभी लाभान्वितों को आवास दिलाए गए हैं। इस अपर अखिलेश ने इंदिरा आवास दिलाए जाने की बात कही तो सीएम योगी ने पूछा उस योजना में कितना पैसा मिलता था? अखिलेश पर हमलावर हुए योगी ने कहा, 2017 से पहले सपा कार्यालय तय करता था कि किसको आवास मिलना है। पहली सरकार है मोदी जी के नेतृत्व में जब प्रधानमंत्री आवास योजना घोषित होने के बाद गरीबों तक पहुंचा। भारत सरकार लिखती थी इन लोगों के लिए आवास लीजिए लेकिन सपा सरकार मना कर देती थी।

अखिलेश को रबी-खरीफ फसल में अंतर भी नहीं पता होगा 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को उप्र विधान सभा के मानसून सत्र में सपा मुखिया अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि किसान कभी आपके एजेंडे में रहा ही नहीं। हमारे लिए किसान किसी जाति में नहीं बंटा है। किसान की जाति, मत, मजहब नहीं है। किसान के सम्मान के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि है। फसल बीमा और स्वॉयल हेल्थ कार्ड है। एमएसपी है जिसमें लागत का डेढ़ गुना दाम तय किया गया।

अखिलेश यादव पर चुटकी लेते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि किसानों की चिंता करने वाले नेता विरोधी दल (अखिलेश यादव) को रबी और खरीफ की फसल में अंतर भी नहीं पता होगा। उन्हें तो शायद यह भी नहीं पता होगा कि एमएसपी क्या होता है। शिवपाल यादव को उन्हें यह बताना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई। 2017 से 2022 के बीच लगभग 50 लाख किसान इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। इसमें 4228 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से किसानों को सीधे सीधे पहुंचाने का कार्य हुआ।

प्रदेश में रबी और खरीफ के लाभार्थी किसानों को मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा से जोड़ा जा रहा है। इसके अंतर्गत जिन किसानों की दुखद मौत हुई। ऐसे 9710 किसानों को अबतक 435 करोड़ की धनराशि का भुगतान किया गया है। प्रदेश में किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 02 करोड़ 61 लाख किसानों को 59105 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से दिए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नेता विरोधी दल बड़ी डींगे हांक रहे थे। लग रहा था कि इन्होंने कुबेर का खजाना खोल रखा था। इनका कुबेर का खजाना देखें तो 2012 से 17 के बीच किसानों को 552 करोड़ रुपये वितरित हुए थे। 2017-22 के बीच 2325 करोड़ रुपये किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में भेजे गये हैं।

मैंने लोहिया आवास और कुबेर के खजाने की भी पोल खोलकर रख दी है। इनके समय में ऐसी व्यवस्था थी कि किसान आत्महत्या कर रहा था। अपनी विफलता को छिपाने के लिए ये आरोप-प्रत्यारोप करते हैं। इनकी प्रवृत्ति हमेशा धोखा देने की रही है। कभी चाचा को, कभी बहन जी को, कभी भाई साहब को धोखा दे दो।

योगी ने कहा कि 2012 से 2017 के बीच 19 लाख किसानों से 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद हुई थी। 12 हजार 800 करोड़ का भुगतान नकद किया गया था। इसमें आढ़ती और बिचौलिये बीच में थे। वहीं 2017 और 2022 के बीच 47 लाख 89 हजार किसानों से 225 लाख मीट्रिक टन खरीदा गया है और 41 हजार 299 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से सीधे किसान के खाते में पैसा गया है।

2012 से 2017 के बीच 14 लाख 87 हजार किसानों से धान क्रय किया गया। 2017 से 2023 के बीच में 53 लाख 68 हजार 600 से अधिक किसानों से धान की खरीद हुई। आपके समय 123 लाख मीट्रिक टन धान खरीद होती है। हमारे समय 345 लाख करोड़ मीट्रिक टन की खरीद हुई। आपने 17 हजार करोड़ भुगतान किया और हमने 63936 करोड़ का भुगतान अन्नदाता किसानों को किया।

 

गन्ना किसानों की बात करें तो जिस छपरौली चीनी मिल के उद्धार की बात चौधरी चरण सिंह जी करते रहे, समाजवादी पार्टी चार बार सरकार में रहने के बावजूद यह कार्य नहीं कर सकी। हमें गर्व है कि छपरौली चीनी मिल हमारी सरकार में शुरू हुई। सपा सरकार में गन्ना किसानों का 95200 करोड़ का भुगतान हुआ था। हमारी सरकार में 02 लाख 16 हजार करोड़ का भुगतान किसानों को किया है।

हमने नई चीनी मिलें दी। बंद चीनी मिलों को चलाया। आपकी सरकार में चीनी मिलों को बंद करके किसानों के पेट पर लात मारी गई। किसानों पर गोलियां चलाई जाती थी। कोरोना कालखंड में जब नेता विरोधी दल घरों में दुबके थे, तब भी हम चीनी मिलें चला रहे थे। उन्हें अपने कार्यकर्ताओं की चिंता नहीं थी। सरकार से ये पूछने की भी जहमत नहीं उठाई कि हम क्या मदद कर सकते हैं। उल्टा वैक्सीन का विरोध कर रहे थे।

2012 से 17 के बीच 14725 टीसीडी पेराई क्षमता का विस्तार हुआ। जबकि 2017 से 2022 के बीच 78900 टीसीडी का विस्तार हुआ। गन्ना पेराई 03 हजार 734 लाख मीट्रिक टन हुआ और 2017 से 2023 के बीच में 06 हजार 404 लाख मीट्रिक टन की पेराई हुई है। चीनी उत्पादन 368 लाख मीट्रिक टन और 17 से 23 के बीच 682 लाख 44 हजार मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ है।

2012 से 17 के बीच में गन्ने की औसत उपज 61.63 टन प्रति हेक्टेयर थी। जबकि आज उसी किसान के खेत में 83.95 टन का उत्पादन हो रहा है। अबतक गन्ना मूल्य का हम लोगों ने 2022-23 में 38 हजार 51 करोड़ का भुगतान किया है। यह 87 फीसदी है। मैं आश्वस्त करता हूं कि प्रदेश के सभी 65 लाख गन्ना किसानों का भुगतान शत प्रतिशत किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2012 से 2017 में कुल 42 करोड़ लीटर इथनॉल का उत्पादन हुआ। आज अकेले एक वर्ष में 153.71 करोड़ लीटर का उत्पादन कर रहे हैं। यूपी चीनी ही नहीं इथनॉल में भी नंबर वन है। छाता के पुरानी चीनी मिल में इंटीग्रेटेड शुगर कॉम्प्लेस का निर्माण कर रहे हैं। ऐसे ही देवरिया में भी जल्द इसे बनाने जा रहे हैं।

विधान परिषद में गूंजा महाविद्यालयों में परीक्षा शुल्क निर्धारण का मुद्दा

  • छात्र हितों के लिए संवेदनशील है सरकार: रजनी

विधान परिषद में आज मानसून सत्र के चौथे दिन महाविद्यालयों में परीक्षा शुल्क निर्धारण का मुद्दा उठा।उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने जवाब दिया। विधान परिषद सदन में शिक्षक दल के एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने लखनऊ विश्वविद्यालय एवं उससे सम्बद्ध महाविद्यालयों में परीक्षा शुल्क निर्धारण के लिए जारी शासनादेश को प्रभावी किए जाने के मुद्दे को सदन में उठाया।इस पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि हमारी सरकार छात्रों के लिए काम कर रही है और छात्र हितों के लिए पूरी तरह से हम संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दो विश्वविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय व दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को छोडक़र प्रति सेमेस्टर शुल्क की यह व्यवस्था सभी जगहों पर लागू है।बाकी मामला न्यायालय में चल रहा है। फैसला आने पर कार्रवाई की जाएगी।

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