यूपी की आवाज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को किसानों की आय को दोगुनी करने के मुद्दे विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के जवाब से असंतुष्ट समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने इस मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन भी किया।
विधानसभा में आज सपा और रालोद के सदस्यों ने प्रदेश में किसानों की समस्याओं को लेकर कई सवाल उठाए। विपक्ष के विधायकों ने विभिन्न फसलों के समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग की। साथ ही सूखे की स्थिति देखते हुए किसानों को आवश्यक रियायतें देने और बिजली की पर्याप्त आपूर्ति करने को कहा।
सरकार की तरफ से प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विपक्षी सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राज्य की योगी सरकार के लिए किसानों का हित सर्वाेपरि है। किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरु की है। साथ ही योगी सरकार ने विभिन्न फसलों का समर्थन मूल्य भी पिछली सरकारों की तुलना में ज्यादा बढ़ाया है। उनके इस जवाब से असंतुष्ट होकर सपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
प्रश्नकाल के दौरान ही सपा के सचिन यादव और कांग्रेस की अराधना मिश्रा मोना ने सदन में ग्लोबल इनवेस्टर समिट का मुद्दा उठाया। सचिन यादव ने सरकार से जानना चाहा कि इनवेसटर समिट के दौरान कितने एमओयू हुए थे और कितने अभी तक धरातल पर उतरे हैं। वहीं कांग्रेस सदस्य अराधना मिश्रा ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर एक श्वेत पत्र लाना चाहिए।
सरकार की ओर से इस मुद्दे पर जवाब देते हुए प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि इनवेस्टर समिट में 19 हजार के एमओयू साइन हुए थे और करीब 33 लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव मिला था। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में गुंडे और माफियाओं के डर से लोग उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए नहीं आते थे लेकिन योगी सरकार में उप्र का माहौल बदल गया है। लोग यहां निवेश करना चाहते हैं। हालांकि औद्योगिक विकास मंत्री के जवाब से सपा के सदस्य असंतुष्ट होकर हंगामा करने लगे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें शांत कराया।