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आप सपने दिखाते थे, हम सपने साकार करते हैं : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

  • बोलीं- आपका फैलाया रायता हम साफ कर रहे हैं
यूपी की आवाज

दिल्ली। आज आर्थिक विषयों में दुनियाभर में संकट का समय है। बढ़ती महंगाई और घटती विकास दर। मैं उदाहरण के लिए विदेश में जो चल रहा है, उसके बारे में बताती हूं। उसके बाद मैं देश पर भी आऊंगी। 2022 में दुनिया की अर्थव्यवस्था सिर्फ 3 फीसदी से कुछ ऊपर रही है। वल्र्ड बैंक के मुताबिक, वैश्विक विकास दर 2023 में 2.1 फीसदी पर आ जाएगी। ब्रिटेन में सबसे चुनौतीपूर्ण समय है और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ब्याज दर 14 बार लगातार बढ़ाया है। उसका ब्याज दर 15 साल में सबसे ज्यादा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम ने लोकसभा में ये बातें कहीं हैं। उन्होंने कहा है कि भारत अपने भविष्य के विकास के बारे में आशावादी और सकारात्मक होने की एक दुर्लभ स्थिति में है। इस दौरान उन्होंने कहा कि यूपीए के कार्यकाल में बैंकों की हालत खराब थी, आज वे मजबूत स्थिति में हैं।
वित्त मंत्री ने कहा यूरोजोन भी काफी मुश्किल में है। वे संघर्ष का सामना कर रहे हैं। चीन एक बढ़ती अर्थव्यवस्था है। मैं अपनी अर्थव्यवस्था की उससे तुलना नहीं करुंगी। लेकिन जिसे मजबूत माना जाता था, वह आज कस्टमर की कमी से जूझ रहा है। चीन का सिचुएशन, यूके का सिचुएशन, यूरोजोन का सिचुएशन। आपने सुना होगा अमेरिका को भी डाउनग्रेड किया गया, जिसकी वजह से उसका शेयर मार्केट डंवाडोल हुआ है। हमें इन हालात को देखते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को समझना चाहिए।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2013 में मॉर्गन स्टेनली ने भारत को दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शामिल किया था। भारत को नाजुक अर्थव्यवस्था घोषित कर दिया गया। आज उसी मॉर्गन स्टैनली ने भारत को अपग्रेड कर ऊंची रेटिंग दी है। केवल 9 वर्षों में, हमारी सरकार की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था ऊपर उठी और कोविड के बावजूद आर्थिक विकास हुआ। आज हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं। आज देश सबसे तेज विकास दर वाली अर्थव्यवस्था है। हमारे लिए जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी है 2022-23 के लिए। इसके 2023-24 में 6.5 फीसदी की दर से बढऩे का अनुमान रखा गया है। जबकि बाकी इकोनॉमी के बढऩे का अनुमान नीचे रखा गया है। ये सब कैसे संभव हुआ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि 2014 से पीएम मोदी ने हमारी पॉलिसी को इतना सुधारा कि जिसकी वजह से कोविड संकट को पार करते हुए भी रिकवरी के रास्ते में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। जनधन योजना, डिजिटल इंडिया मिशन, आयुष्मान भारत, जन औषधि केंद्र ऐसी योजनाओं से सबको फायदा पहुंचाने का काम हुआ है। छह दशकों से हम सुन रहे थे गरीबी हटाओ, लेकिन ऐसा हुआ क्या? अब आप साफ देख पा रहे हैं कि गरीबी कैसे हटा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बन गए, मिल गए और आ गए। आज कल यही शब्द इस्तेमाल होता है, जनता के बीच। पहले यूपीए के समय क्या होता था शब्द। बिजली आएगी, अब होता है बिजली आ गई। पीएम आवास का घर तब होता था बनेगा। अब होता है घर बन गया। पहले होता था सडक़ बनेगा,अब होता है बन गया। पहले एयरपोर्ट बनेगा करते थे, अब बन गया। पहले कहते थे स्वास्थ्य सेवा मिलेगी, अब कहते हैं मिल गया। पहले जनता कहती थी कि राशन आसानी से मिलेगा, अब मिल गया। इसलिए इसका समझ आवश्यक है। एक्चुअल डिलीवरी से ही बदलाव होता है, न कि मुंह से शब्द फेंककर गुमराह करने से। आप सपने दिखाते थे, हम जनता के सपने साकार करते हैं। लोकसभा में विपक्ष को करारा जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आपके कार्यकाल के दौरान फैलाया गया रायता हम साफ कर रहे हैं।

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