देश-दुनियाँ

जीविका दीदी, टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति को जांच के लिए भेजती हैं अस्पताल

–सबौर के सुल्तानपुर भिट्ठी में जीविका दीदियों के साथ टीबी पर हुई चर्चा
-स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से केएचपीटी ने बैठक का कराया आय़ोजन

भागलपुर, 3 मार्च-

सबौर प्रखंड के सुल्तानपुर भिट्ठी में स्वास्थ्य विभाग और कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) के सहयोग से टीबी को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में क्षेत्र की 50 जीविका दीदियां शामिल हुईं। बैठक में केएचपीटी के कर्मियों के साथ जीविका दीदियों ने टीबी को लेकर चर्चा की। जीविका दीदियों के साथ चर्चा के दौरान उनसे जाना गया कि समाज से टीबी को ख़त्म करने के लिए किस तरह के प्रयास करने चाहिए। जीविका दीदियों ने भी बताया कि वे लोग आसपास के लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करती हैं। यदि किन्हीं में टीबी के कोई लक्षण दिखते हैं तो उनको जांच के लिए वे अस्पताल भेजती हैं। कभी साथ लेकर भी जाती तो कभी किसी और के जरिये उन्हें अस्पताल भेजती हैं। बैठक के दौरान केएचपीटी की टीम ने जीविका दीदियों को बताया कि टीबी के लक्षण क्या हैं। ऐसे में हम सबको मिलकर समय से इसकी जांच और इलाज सुनिश्चित करना चाहिए। इससे समाज से टीबी को जल्द से जल्द खत्म किया जा सकेगा और अपने गांव, क्षेत्र और देश को टीबी मुक्त बना सकेंगे।
टीबी मुक्त जिला बनाने के लिए जागरूकता जरूरीः केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा ने बताया कि टीबी को समाप्त करने के लिए इलाज के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर जागरूकता भी बहुत जरूरी है। लोगों में जितनी तेजी से जागरूकता बढ़ेगी उतनी ही तेजी से टीबी बीमारी समाज से खत्म होगी। जीविका दीदियों की समाज पर अच्छी पकड़ है। अधिकतर घरों में उनका आना-जाना है। इसलिए टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए जीविका दीदी एक बेहतर माध्यम हो सकती हैं । इसी उद्देश्य से सुल्तानपुर भिट्ठी में जीविका दीदियों के साथ बैठक आयोजित की गई। उम्मीद है कि इसका व्यापक असर पड़ेगा। लोग टीबी के प्रति जागरूक होंगे।
सरकारी अस्पतालों में टीबी का इलाज मुफ्तः जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ ने बताया कि केएचपीटी जिले में टीबी उन्मूलन में अच्छा काम कर रहा है। इस तरह के आयोजन से टीबी उन्मूलन में मदद मिलेगी। लोगों में टीबी के प्रति जानकारी बढ़नी बहुत जरूरी है। टीबी का इलाज सरकारी अस्पतालों में बिल्कुल मुफ्त में होता है। यदि किसी व्यक्ति को लगातार दो हफ्ते तक खांसी हो, शाम को पसीना आए, लगातार बुखार रहे, बलगम के साथ खून हो इत्यादि लक्षण महसूस हो तो उसे तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल चले जाना चाहिए। वहां जांच करानी चाहिए। जांच में अगर टीबी की पुष्टि होती है तो तत्काल इलाज शुरू कर देना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इलाज तो मुफ्त में होता ही है, साथ में दवा भी बिल्कुल मुफ्त दी जाती है। इसके अलावा जब तक इलाज चलता है, तब तक पांच सौ रुपये की राशि प्रतिमाह पौष्टिक आहार के लिए भी मरीजों को दी जाती है।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Ad