देश-दुनियाँ

गीता से प्रबंधन के उच्चतम स्तर के गुण सीखे जा सकते है-गाँधी

 

गीता जयंती पर अर्जुन भव: प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता मे युवा मेनेजमेंट विश्लेषक डॉ. नयन प्रकाश गांधी रहे प्रथम विजेता

हाल ही मे अंतराष्ट्रीय स्तर पर गीता ज्ञान को विश्व भर मे आलोकित करने वाले गीता परिवार कोटा इकाई एवं
दिशा डेल्फी शाला परिवार द्वारा अर्जुन भव गीता ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता मे अभिभावक श्रेणी में कोटा के युवा मेनेजमेंट विश्लेषक डॉ.नयन प्रकाश गाँधी प्रथम विजेता रहे .गाँधी ने बताया की आज भारतीय पौराणिक श्री कृष्ण के मुखरविंद से संवाद शैली में प्रसारित गीता ज्ञान को हर अभिभावक को उनके बच्चों एवं समाज मे अपने इष्ट कर्मों द्वारा प्रसारित करने की आवश्यकता है तभी राष्ट्र का उत्थान हो सकेगा,भारत युवाओ का देश है आज युवा सशक्त,आत्मविश्वासी,अपने लक्ष्य के प्रति तभी सजग रह सकते है जब गीता ज्ञान से स्वयं को प्रखर बना सके.गाँधी को यह सम्मान गीता परिवार के पूर्व अध्यक्ष एवं गीता प्रेरक समाज सेवी अरुण तुलस्यान एवं मंजू तुलस्यान एवं गीता परिवार कोटा की शाखा प्रमुख सक्रिय वरिष्ठ सदस्य निर्मला मारु,शाला नियंत्रक डॉ.सारिका मोहता ने प्रदान किया .गाँधी कार्य की व्यस्तता के बावजूद वर्तमान मे लर्न मेनेजमेंट फ्रोम गीता पर भी पुस्तक लिख रहे है,गीता ज्ञान को प्रसारित करने की प्रेरणा उन्हें उनके मार्गदर्शक एव अंतराष्ट्रीय गीता प्रेरक गोविंद माहेश्वरी से प्राप्त हुई जिन्होंने उन्हें कोरोना काल के दोरान एक भेट के दोरान जोड़ा था आज गीता परिवार के हर कार्य को सोशल मीडिया वटसप
के माध्यम से शेयर कर प्रसारित करते है,वे मानते है आज बच्चों में गीता ज्ञान के संस्कार हर बच्चों में प्रारम्भ से डालने होंगे तभी हम भारतीय सनातन
संस्कृति को सुरक्षित रख पाएंगे. प्रोग्राम ऑफिसर के रूप मे राजस्थान सरकार योजना भवन में कार्यरत गाँधी मानते है कि गीता के सिद्धांत हर प्रशासनिक अधिकारियों को सिखाये जाते है तभी वह तनाव प्रबंधन,कार्य समय प्रबंधन,निर्णय लेने की क्षमता ,एथिकल वैल्यू को परिपालित कर पाता है.

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Ad