देश-दुनियाँ

भागलपुर जिले के हजारों लोग प्रतिमाह उठा रहे हैं एंबुलेंस सेवा का लाभ

102 नंबर पर डायल करने के बाद मरीजों को उपलब्ध हो रही है एंबुलेंस सेवा
श्रावणी मेले में भी जिला स्वास्थ्य समिति की एंबुलेंस से हो रही मरीजों की सेवा
भागलपुर-
जिले के गंभीर मरीजों को अकस्मात अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था है। 102 नंबर पर डायल कर इस सेवा का भरपूर लाभ लोग उठा रहे हैं। कई लोग तो एंबुलेंस के ड्राइवर और तकनीकी स्टाफ का भी नंबर रखते हैं और उन्हें कॉल कर इस सेवा का लाभ उठा रहे हैं। जिले को राज्य सरकार की ओर से कई नई एबुंलेंस भी मिली है। अभी श्रावणी मेले में जिला स्वास्थ्य समिति की एंबुलेंस से मरीजों की सेवा की जा रही है, लेकिन मेला खत्म होने ही वाला है। मेला खत्म होने के बाद सभी एंबुलेंस को जिले के अस्पतालों में लगाया जाएगा।
भागलपुर के एंबुलेंस कंट्रोलर मुकेश कुमार कहते हैं कि अभी जिले में 51 एंबुलेंस हैं। इनमें से पांच मॉर्चरी वैन हैं। बाकी 46 एंबुलेंस से मरीजों की सेवा हो रही है। इन 46 एंबुलेंस में 11 एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) हैं और बाकी बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) हैं। बीएलएस एक दिन में औसतन पांच ट्रिप लगाती है, जबकि एएलएस से रेफर मरीजों को पटना या फिर जहां कही भी अस्पताल से रेफर किया जाता है, वहां पहुंचाया जाता है। एएलएस भी महीने में 15 से अधिक ट्रिप लगा लेती है। इस तरह से महीने में हजारों लोग इस सेवा का लाभ उठा रहे हैं।
एंबुलेंस में अत्याधुनिक सुविधाएं भीः मुकेश कुमार कहते हैं कि जिले में एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) और बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) एंबुलेंस हैं। इसके अलावा मॉर्चरी व्हिकल्स (एमवी) भी हैं, जो शव पहुंचाने की व्यवस्था में काम आता है। बीएलएस एंबुलेंस में ऑक्सीजन और फर्स्ट एड की व्यवस्था रहती है, जबकि एएलएस एंबुलेंस में वेंटिलेटर, ईसीजी, कार्डियो मॉनिटर और जीवन रक्षक दवा की भी व्यवस्था रहती है। साथ ही एक ट्रेंड तकनीकी स्टाफ भी रहता है, जो इन चीजों को ऑपरेट कर सके।
कोट
जिले के लोग तमाम स्वास्थ्य सेवाओं के साथ एंबुलेंस सेवा का भी लाभ ले रहे हैं, यह अच्छी बात है। एंबुलेंस में तकनीकी सुविधा भी उपलब्ध है, जिसका लोग लाभ उठा रहे हैं। एडवांस लाइफ सपोर्ट में फोल्डेबल स्ट्रेचर के साथ मॉनिटर, ऑक्सीजन सी-कैप, मास्क, ऑक्सीजन सिलेंडर, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर इत्यादि आधुनिक उपकरण रहते हैं और इसे ऑपरेट करने के लिए एक प्रशिक्षित कर्मी भी रहते हैं, जो मरीज को किसी भी तरह की परेशानी आने पर सहायता करते हैं।
डॉ. उमेश शर्मा, सिविल सर्जन, भागलपुर
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