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मधुमेह से बचाव के लिए जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव जरूरी : सिविल सर्जन

 

– विश्व मधुमेह दिवस • जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर आयोजित कर की गई जाँच और दिया गया चिकित्सा परामर्श
– स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बन सकती है बड़ी परेशानी का कारण, इसलिए रहें सावधान और सतर्क

लखीसराय, 14 नवंबर-

सोमवार को विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर जिले के सभी पीएचसी एवं सीएचसी में मधुमेह जाँच शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें मेडिकल टीम द्वारा लोगों की स्वास्थ्य जाँच की गई और जाँच के पश्चात आवश्यक और जरूरी चिकित्सा परामर्श दिया गया। साथ ही मौजूद लोगों को मधुमेह से बचाव के लिए जागरूक भी किया गया और मधुमेह के कारण, लक्षण एवं उपचार की भी मेडिकल टीम द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। ताकि लोग शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान कर समय पर जाँच करा आवश्यक इलाज करा सकें । इसके अलावा सभी लोगों को समय-समय पर जाँच कराने के लिए प्रेरित किया गया।

– मधुमेह से बचाव के लिए जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव जरूरी :
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया, जिस तरह लोगों के जीवनशैली में बदलाव और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बढ़ रही उसी तरह स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी भी आम हो रही है। ऐसी परेशानी में मधुमेह भी एक है, जो बदलते जीवनशैली और परिवेश के कारण आम हो गई है। जिससे किसी भी आयु वर्ग के दायरे वाले लोग पीड़ित हो सकते हैं। जिसका प्रमाण यह है कि दिनों-दिन लगातार ऐसे पीड़ित लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही और अस्पतालों में इलाज कराने वाले ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में लोगों को इससे बचाव के लिए सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है । जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव बेहद जरूरी है। खासकर मधुमेह से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को तो और सतर्क व सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान ऐसी पीड़ित महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने से ही सुरक्षित और सामान्य प्रसव संभव है। इसको लेकर सरकार द्वारा भी हर जरूरी प्रयास किया जा रहा और स्थानीय स्तर भी समुचित जाँच और उचित प्रबंधन की व्यवस्था की गई है। इसलिए, ऐसे पीड़ित गर्भवती को गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाँच जरूर करानी चाहिए।

– गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से पीड़ित गर्भवती को समय-समय पर जाँच कराना बेहद जरूरी :
गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से पीड़ित महिलाओं का समय-समय पर जाँच और आवश्यक उपचार जरूरी है। अन्यथा थोड़ी-सी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। दरअसल, मधुमेह के प्रति लापरवाही करने से ना केवल गर्भवती को ही अनावश्यक परेशानियों का सामना पड़ सकता बल्कि, गर्भस्थ शिशु का विकास भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए, सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मधुमेह की जाँच जरूर करानी चाहिए। ताकि समय पर परेशानी का पता चल सके और ससमय ही जरूरी इलाज सुनिश्चित हो सके। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मधुमेह जाँच की मुफ्त सुविधा उपलब्ध है।

– मधुमेह के लक्षण :
ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब का आना, आंखों की रौशनी कम होना, कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना, हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म, बार-बार फोड़े-फुंसियां निकलना, चक्कर आना और चिड़चिड़ापन मधुमेह के प्रारंभिक लक्षण हैं ।

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