देश-दुनियाँ

अब आशा कार्यकर्ता सप्ताह में कम से कम एक संभावित टीबी मरीज की बलगम जांच करवाएगी सुनिश्चित

– एक साल में एक लाख की आबादी पर कम से कम 1000 संभावित टीबी मरीजों की जांच होगी सुनिश्चित
– स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रतिदिन होने वाले ओपीडी में  2 से 3 प्रतिशत की जाएगी बलगम की जांच
मुंगेर-
जिला में टीबी की जांच बढ़ाने को ले अब आशा कार्यकर्ता सप्ताह में कम से कम एक संभावित मरीज  की बलगम जांच सुनिश्चित करवाएगी । इसके साथ ही जिला भर में एक लाख की आबादी पर एक साल में कम से कम 1000 संभावित टीबी मरीजों की जांच भी सुनिश्चित की जाएगी । इस आशय की जानकारी मुंगेर के संक्रामक रोग पदाधिकारी (सीडीओ) डॉ. ध्रुव कुमार शाह ने दी।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी  के द्वारा दिये गए निर्देश के आलोक में सदर अस्पताल मुंगेर और अनुमंडलीय अस्पताल तारापुर के अस्पताल उपाधीक्षक और जिला के विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी)  के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र जारी कर अपने -अपने स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत ओपीडी में आने वाले वयस्क मरीजों में से 2 से 3 प्रतिशत की  टीबी के संभावित मरीजों की पहचान के लिए की जाने वाली बलगम जांच कराने का निर्देश दिया गया है।
मुंगेर के जिला टीबी और एचआईवी समन्वयक शैलेन्दु कुमार ने बताया कि देश भर में सन 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए नेशनल टीबी एलिमिनेशन प्रोग्राम (एंटीईपी) चल रहा है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए टीबी हारेगा और देश जीतेगा का नारा दिया गया है। मुंगेर के संक्रामक रोग पदाधिकारी (सीडीओ) डॉ. ध्रुव कुमार शाह ने जिला भर में टीबी रोगियों की  पहचान के लिए बलगम जांच को बढ़ाने का निर्णय  लिया है। इसके तहत उन्होंने टीबी विभाग के अंतर्गत जिलाभर में कार्यरत एसटीएस, एसटीएलएस, एलटी और टीबीएचवी को पत्र जारी कर अपने-अपने क्षेत्र में कार्यरत ओपीडी में जाकर वहां कार्यरत  चिकित्सकों से मिलकर टीबी के संभावित मरीजों की पहचान के लिए अधिक से अधिक बलगम की  जांच करवाने के लिए प्रेरित करने का आदेश दिया है।
उन्होंने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है लेकिन लाइलाज नहीं है। सही समय पर टीबी के संभावित मरीजों की जांच और  टीबी के लक्षण पाए जाने के बाद सही इलाज होने से  इस बीमारी से पूरी तरीके से ठीक हो सकते हैं। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा लगातार कार्य किए जा रहे हैं। इलाज के दौरान टीबी रोगियों के सही पोषण के लिए केंद्र सरकार, निक्षय पोषण  योजना के तहत प्रति माह 500 रुपये की सहायता राशि भी देती है।
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