सेहत

ओमिक्रोन वैरिएंट से निपटने को ले डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ को दी जा रही है ट्रेनिंग

 

– सदर अस्पताल में दी जा ही पेडिएट्रिक एंड कोविड मैनजेमेंट की ट्रेनिंग

– 18 वर्ष से कम के बच्चों और किशारों को सुरक्षित करने को ले गाइडलाइन के अनुसार एहतियात

मुंगेर, 23 दिसम्बर। कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट की वजह से राज्य और जिले में सम्भावित कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अभी से काफी एहतियात बरत रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुंगेर सदर अस्पताल परिसर स्थित एएनएम स्कूल में सदर अस्पताल मुंगेर, अनुमण्डल अस्पातल तारापुर और जिला के सभी समुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से आए शिशु रोग विशेषज्ञ, चिकित्सा पदाधिकारी, जीएनएम और एएनएम को पेडिएट्रिक कोविड मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जा रही है।
मुंगेर के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजेश कुमार रौशन ने बताया कि देश में कोरोना के ओमिक्रोन वैरियंट से संक्रमित मरीजों के केस सामने आने लगे हैं। इससे 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और किशारों के संक्रमित होने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि इस आयु वर्ग के बच्चे और किशोर कोरोना वैक्सीनेटेड नहीं हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए एएनएम स्कूल सभागार में डॉक्टर और जीएनएम स्टाफ को पेडिएट्रिक कोविड मैनजेमेंट की ट्रेनिंग दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि मुंगेर सहित पूरे राज्य भर में तेजी से 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। मुंगेर के 14 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीनेटेड किया जा चुका है। वहीं पूरे बिहार में लगभग साढ़े 9 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीनेटेड किया जा चुका है। अगले कुछ दिनों में अपना बिहार 10 करोड़ को वैक्सीनेटेड करने के लक्ष्य को पूरा कर लेगा ।
एसएनसीयू मुंगेर के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर संभावित तीसरी लहर से निपटने को लेकर बिहार सरकार काफी सजग होकर सेंट्रल गाइडलाइन के अनुसार नियोजित तरीके से डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ को पेडिएट्रिक कोविड मैनजेमेंट की ट्रेनिंग दे रही है। इसी के तहत पिछले दिनों पटना के एम्स में विभिन्न जिलों से आए शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को पेडिएट्रिक कोविड मैनजेमेंट की ट्रेनिंग दी गई । इस दौरान यह बताया गया कि आने वाले समय में कोरोना संक्रमण की वजह से यदि किसी बच्चे या किशोर को आईसीयू में भर्ती करने की स्थिति पैदा होती है तो सेंट्रल गाइडलाइन के अनुसार उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए बताया गया है।
उन्होंने बताया बुधवार और गुरुवार को यहां सदर अस्पताल मुंगेर ,अनुमण्डल अस्पताल तारापुर और सभी सीएचसी और पीएचसी से आए शिशु रोग विशेषज्ञ, चिकित्सा प्रभारी और नर्सिंग स्टाफ को सेंट्रल गाइड लाइन के अनुसार केयर इंडिया के सहयोग पेडिएट्रिक कोविड मैनजेमेंट की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि थर्ड वेव के दौरान यदि बच्चों को पीआईसीयू में भर्ती करने की स्थिति पैदा होती है तो उस दौरान उत्पन्न होने वाली क्रिटिकल कंडीशन को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सके।

इस अवसर पर डॉ. पंकज सागर, केयर इंडिया की डीटीओ ऑफ डॉ. नीलू, दीपिका और वी चांदना सहित विभिन्न प्रखण्डों से आए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

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