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कालाजार के मरीज सरकारी अस्पताल लाने पर ग्रामीण चिकित्सकों को मिलेंगे पैसे

-प्रति मरीज पांच सौ रुपये भारत सरकार की ओर से दिया जाएगा
-एसीएमओ सभागार में ग्रामीण चिकित्सकों को दिया गया प्रशिक्षण

बांका, 23 दिसंबर=

कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। अभी हाल ही में जिले में सिंथेटिक पायराथायराइड के छिड़काव का काम पूरा हुआ है। अब कालाजार के मरीजों को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया गया है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को बांका सदर अस्पताल के एसीएमओ सभागार में ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में उन्हें कालाजार के लक्षण, बचाव और इलाज की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण देने का काम जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी व प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल और केयर इंडिया के डीपीओ ओमप्रकाश नायक ने किया। प्रशिक्षण के दौरान ग्रामीण चिकित्सकों को बताया गया कि अगर आप कालाजार के मरीज को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल लाते हैं तो प्रति मरीज आपको पांच सौ रुपये भारत सरकार की ओर से दिए जाएंगे। इसलिए आपके पास जो भी लोग इलाज के लिए आते हैं, उनके लक्षण को ठीक से पहचान लें। अगर आपको कालाजार के मरीज लगते हैं तो उसे सरकारी अस्पताल लेकर आइए।
ये हैं कालाजार के लक्षण: छिड़काव के दौरान कालाजार से बचाव की भी दी जाएगी जानकारी: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने बताया, भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे मरीज अगर आपको ग्रामीण क्षेत्रों में दिखाई पड़ते हैं तो उसे सीधा सरकारी अस्पताल लेकर जाएं। वहां पर उसका बेहतर इलाज हो सकेगा।

सदर अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की है सुविधा: वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया, कालाजार मरीजों की जांच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इस कारण संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने का प्रावधान है । साथ ही पॉजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रुपये संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है। 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। ग्रामीण चिकित्सकों को भी कालाजार के मरीज ढूंढ़ने पर प्रति मरीज पांच सौ रुपये मिलेंगे।

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