देश-दुनियाँ

किसानों के लिए आफत बनी बेमौसम बरसात

फर्रुखाबाद :

देश में कहावत है भारतीय कृषि मॉनसून का जुआ है। जो अभी साफ दिख रहा है। पिछले कई दिनों से रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश किसानों के लिए आफत बन गई है। बरसात से किसानों की धान की खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। धान, गन्ना, मूंग खेतों में पानी भर गया है। किसान इस बारिश से हुई तबाही से काफी चिंतित हैं और उनका कहना है कि इस बर्बादी के कारण वे खाद खरीदने के भी पैसा नहीं जुटा पायेंगे। मानूसन पर निर्भर होने के कारण खेती हर बार लाभ का सौदा भी नहीं रही। पहले सूखा और अब बारिश ने किसानों के माथे पर बल ला दिया है।

सूखे से जूझते किसानों ने अच्छे मानसून की उम्मीद में खेतों को तैयार कर उड़द, मूंगफली व मक्का की फसलें बोई थीं और सुनहरे सपने संजोये थे। मगर बीते दिनों से हो रही निरंतर बारिश ने उनके सपने एक बार फिर चूर कर दिये है। अतिवर्षा होने से खेतों में पानी भर गया है। जिससे खेतों में खड़ी फसलें डूबकर तबाह हो गई हैं। दरअसल क्षेत्र में धान की फसल में बालिया फूट चुकी हैं। कुछ खेतों में तो धान की बालियां पकने भी लगी हैं। ऐसे में ज्यादा बारिश पकी हुई धान की बालियों को नुकसान पहुंचा रहीं है। किसानों का कहना है कि अधिक बारिश के कारण धान की लहराती फसल अब खेतों में गिर रही है। खेतों में पानी का जमाव रहने से धान की फसल के गलने की संभावना बनती जा रही है। जो किसी भी दृष्टिकोण से किसानों के लिए फायदेमंद नहीं होगा।
किसान बोले फिर आर्थिक संकट से जूझना पड़ेेगा
किसानों का कहना एक बार फिर फसल नष्ट होने से जहां उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है, वहीं कर्ज चुकाने की चिंता भी सताने लगी है। इतना ही नहीं किसान इससे रबी की फसल की बुवाई भी प्रभावित होने की बात कह रहे हैं। किसान बताते हैं कि जैसेतैसे बैंकों और साहूकारों से कर्ज लेकर अत्यधिक लागत लगाकर खरीफ की फसल की बुवाई की थी, लेकिन सब नष्ट हो गई। इससे किसान एक बार फिर बर्बादी की कगार पर आ पहुंचा हैं। उसे साहूकारों और बैंकों लिए कर्ज चुकाने की चिंता सताने लगी है। किसानों का कहना है कि जब वारिश की आवश्यकता थी, तब वारिश नहीं हुई, लेकिन अब वारिश थमने का नहीं ले रही है।
रबी फसल के पिछडऩे की आशंका
अत्यधिक बारिश होने से रबी फसल के पिछडऩे की भी आशंका व्यक्त की जा रही है। किसानों का कहना है कि इस क्षेत्र की मिट्टी में पानी का जमाव काफी दिनों तक रहता है। वर्तमान समय में धान के खेतों में फिलहाल जितना पानी जमा हुआ है उसे सूखने में एक माह का वक्त लगेगा। ऐसे में अब अगर और बारिश हुई तो खेतों को रबी फसल के लिए तैयार करने में लंबा वक्त लग जाएगा। जिससे रबी फसल पिछड़ जाएगी। समय पर रबी फसल की खेती नहीं होने से उपज पर भी इसका कुप्रभाव पड़ेगा।
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