देश-दुनियाँ

कुष्ठ रोगी खोजी अभियान • घर-घर जाकर आशा कार्यकर्ता मरीजों की कर रहीं खोज

 

– लक्षण वाले मरीज मिलने पर भेजा जा रहा है सरकारी स्वास्थ्य संस्थान
– सामुदायिक स्तर पर लोगों को कुष्ठ रोग के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की दी जा रही है जानकारी

लखीसराय, 10 अक्टूबर-
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 08 अक्टूबर से पूरे जिले में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान चल रहा है। जिसके तहत जिले के सभी प्रखंडों में संबंधित क्षेत्र की स्थानीय आशा कार्यकर्ता समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा गृह भेंट की तर्ज पर घर-घर जाकर मरीजों की पहचान की जा रही है। इस दौरान जहाँ सामुदायिक स्तर पर लोगों को कुष्ठ रोग के कारण, लक्षण, बचाव एवं इसके उपचार की जानकारी दी जा रही है। वहीं, कुष्ठ के लक्षण वाले मरीज मिलने पर उन्हें स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान इलाज की पुष्टि के लिए भेजा जा रहा है।साथ ही इस बात का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है कि एक भी घर छूटे नहीं और शत-प्रतिशत मरीजों की पहचान सुनिश्चित हो सके।

– पीबी मरीजों को 06 माह तो एमबी मरीजों को 09 माह तक दवाई का सेवन जरूरी :
जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया, कि इसमें दो तरह के मरीज मिलने की संभावना रहती है। पहला पीबी यानी जिस मरीजों को एक से दो जगहों पर बीमारी की विकृति है, उन्हें 06 माह और दूसरा एमबी यानी जिन्हें दो से अधिक जगहों पर बीमारी की विकृति है, उन्हें 09 माह तक दवाई का सेवन करना जरूरी है। तभी बीमारी को पूर्ण रूप से समाप्त किया जाता है। वहीं, उन्होंने बताया, सामान्य मरीजों के लिए पीएचसी स्तर पर समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जबकि, गंभीर मरीजों को जिला स्तरीय अस्पताल भेजा जाता है।

– विकृति मरीजों को समुचित इलाज के लिए भेजा जाता है सासाराम :
खोजी अभियान के दौरान संदेहास्पद मरीज मिलने पर उन्हें प्रारंभिक इलाज के लिए स्थानीय पीएचसी भेजा जाता है। वहाँ से आवश्यकतानुसार जिला अस्पताल भेजा जाता है। अगर मरीज में किसी भी तरह की विकृति है तो उन्हें जिला अस्पताल से समुचित इलाज के लिए सासाराम भेजा जाता है। सामान्य मरीजों के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों में समुचित जाँच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

– कुष्ठ रोग :
– कुष्ठरोग जीवाणु से होने वाला एक रोग है।
– कुष्ठ रोग नस और त्वचा दोनों को प्रभावित करता है।
– यदि समय पर इलाज नहीं किया जाए एवं लंबे समय तक साथ रहने पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की प्रबल संभावना रहती है और विकलांगता भी हो सकती है।
– यह किसी भी व्यक्ति, किसी उम्र की महिला-पुरुष को प्रभावित कर सकता है।
– सही समय पर रोग की पहचान एवं उपचार प्रदान कर रोग को पूर्ण रूप से समाप्त किया जा सकता है।

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