देश-दुनियाँ

जनजागरूकता से ही कालाजार उन्मूलन संभव—डॉ विजय

-कालाजार से बचाव को जनजागरूकता और समय पर मरीजों की पहचान करने पर जोर
-कालाजार उन्मूलन को लेकर प्रशिक्षण का आयोजन, मरीजों की पहचान और उपचार की दी गई जानकारी

– स्वास्थ्य विभाग एवं डब्ल्यूएचओ के संयुक्त तत्वावधान में प्रशिक्षण का आयोजन

खगड़िया, 05 दिसंबर-

सोमवार को खगड़िया स्थित एक निजी होटल में डब्ल्यूएचओ के सहयोग से स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा कालाजार उन्मूलन को लेकर एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम, केटीएस, एएनएम समेत अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी शामिल हुए। प्रशिक्षण का उदघाटन सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवनंदन पासवान, जिला वेक्टर जनित-रोग नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ विजय कुमार, केयर इंडिया के डीटीएल अभिनंदन आनंद , डब्ल्यूएचओ के जोनल काॅर्डिनेटर डाॅ इजहिलारसन, भीडीसीओ मो. शाहनवाज आलम, डीभीबीडीसी बबलू सहनी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। वहीं, प्रशिक्षण के दौरान मौजूद पदाधिकारियों एवं कर्मियों से जिले में कालाजार के एक्टिव मरीज, कालाजार से बचाव के लिए जिले में चल रहे कार्यों समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी ली गई और समीक्षा की गई। इसके बाद कालाजार उन्मूलन को लेकर विस्तृत चर्चा करते हुए जनजागरूकता पर बल दिया गया तथा इस बीमारी की रोकथाम को लेकर आवश्यक जानकारी भी दी गई। वहीं, डब्ल्यूएचओ के जोनल कोर्डिनेटर डॉ इजहिलारसन ने कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया, मरीजों की पहचान कैसे करनी है । साथ हीं संक्रमित पाए जाने पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने समेत अन्य विस्तृत जानकारी दी गई। इस मौके पर पिरामल फाउंडेशन के डीपीएल प्रफुल्ल झा, सभी भीबीडीएस, केयर इंडिया के सभी बीसी-भीएल आदि मौजूद थे।

– कालाजार से बचाव के लिए जागरूक और लक्षण वाले व्यक्ति को इलाज के लिए प्रेरित करने की दी गई जानकारी :
सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने बताया, प्रशिक्षण के दौरान मौजूद सभी प्रतिभागियों को कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक करने एवं लक्षण वाले व्यक्ति को इलाज के लिए प्रेरित करने की भी विस्तृत जानकारी दी गई। ताकि कालाजार के लक्षण वाले व्यक्ति की समय पर जाँच के साथ आवश्यक इलाज शुरू हो सके और सामुदायिक स्तर पर भी लोगों को इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी मिल सके। जिससे शुरुआती दौर में ही लोग सजग हो आवश्यक कदम उठा सकें । सरकारी अस्पतालों में जाँच एवं इलाज की मुफ्त समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। वहीं, उन्होंने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए जमीन पर नहीं सोएं । मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करें। दिन में भी मच्छरदानी लगाकर ही सोएं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें ।

– जनजागरूकता से ही कालाजार उन्मूलन संभव :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया, जनजागरूकता से ही कालाजार उन्मूलन संभव है। इसलिए, प्रशिक्षण के दौरान सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने पर बल दिया गया। ताकि कालाजार से बचाव के लिए लोगों को जरूरी जानकारी मिल सके और लोग इस बीमारी से सुरक्षित हो सकें । वहीं, उन्होंने बताया, कालाजार उन्मूलन को गति देने के लिए आशा कार्यकर्ता का भी सहयोग लिया जाएगा।

– कालाजार के लक्षण :
– लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता।
– मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
– व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
– प्लीहा में नुकसान होता है।

– छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
– छिड़काव के पूर्व भोजन समाग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
– अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Ad