देश-दुनियाँ

देश का पहला साइबर विश्वविद्यालय महाराष्ट्र में होगा स्थापित

– सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत का वक्तव्य
– ‘मंत्रियों के साथ संवाद’ कार्यक्रम के तहत छात्रों को मार्गदर्शन; डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हॉल का उद्घाटन
पुणे: “टेक्नोलॉजी का बढ़ता उपयोग और साइबर सुरक्षा को लेकर तकनिकी और सायबर में उन्नत शिक्षा उपलब्ध होना महत्वपूर्ण है। इसलिए राज्य सरकार महाराष्ट्र में देश का पहला साइबर विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए प्रयास कर रही है,” ऐसा बयान उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने दिया। अपने मंत्रिपद के काल में राज्य में पहला संतपीठ बन सका, यह समाधान की बात है, ऐसा भी उन्होंने कहा.
उदय सामंत सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स में ‘मंत्रियों के साथ संवाद’ कार्यक्रम के तहत ‘ऑनलाइन और एकीकृत शिक्षा के संदर्भ में साइबर सुरक्षा’ इस विषय पर छात्र, प्रोफेसर और आमंत्रित अभिभावकों से बात कर रहे थे। सूर्यदत्ता के बावधान कैम्पस में आयोजित कार्यक्रम मे इंस्टीट्यूट्स के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय चोरडिया, उपाध्यक्ष सुषमा चोरडिया, मुख्य विकास अधिकारी सिद्धांत चोरडिया, स्नेहल नवलखा, डॉ. किमाया गांधी, राजकुमार सुराणा, किरण साली, नीलेश गिरमे आदि उपस्थित थे।
इस समय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हॉल का उद्घाटन हुआ। कॉलेज के छात्र और सोनाली ससार द्वारा कोकणी नृत्य सादर किया गया। उदय सामंत के हाथो ‘कोंकण विजन 2025’ डॉक्यूमेंट प्रकाशित किया गया। ऑडियो-विजुअल प्रेजेंटेशन भी हुआ। इसमें सुखविंदर कौर और अमोल गुप्ते ने काफी मेहनत की थी।
उदय सामंत ने कहा, ”कोरोना के कारण ऑनलाइन शिक्षा लोकप्रिय हो गई है, लेकिन ऑफलाइन शिक्षा के प्रति छात्रों का रुझान अधिक है। पिछले 19 महीनों में कई लोगों की मानसिकता बदली है। छात्र ऑफलाइन लर्निंग और ऑनलाइन परीक्षा के बारे में सोचते हैं। लेकिन हम एक व्यापक, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहते हैं। इसलिए ऑफलाइन शिक्षा पर जोर दिया जाना चाहिए। भविष्य में कॉलेजों और स्कूलों में छात्रों की भरमार हो, इसके लिए जरूरी है कि टीकाकरण और कोरोना के नियमों का पालन किया जाए।”
“डॉ अब्दुल कलाम का कार्य अनुकरणीय था। उनके नाम पर बने सभागार का उद्घाटन करते हुए मुझे खुशी हो रही है। ‘सूर्यदत्ता’ के छात्रों और शिक्षकों को डॉ. कलाम के उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए और भावी पीढ़ी को आकार देना चाहिए। मूलभूत सुविधा के विकास के साथ-साथ युवाओं की संस्कृति का विकास भी जरूरी है, ऐसा  कलाम कहते थे। तदनुसार, यदि अच्छी शिक्षा सुविधाएं सभी तक पहुंचे, तो राज्य शिक्षा की दृष्टि से मजबूत बन सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस विभाग के मंत्री बनने के बाद से हम कई वैज्ञानिकों, तकनीशियनों और शिक्षा विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में छात्रों के समग्र विकास के लिए विभिन्न योजनाएं ला रहे हैं,” ऐसा उदय सामंत ने कहा।
प्रा. डॉ. संजय चोरडिया ने कहा, “सूर्यदत्ता सर्व समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कोरोना संकट के बाद, कॉलेज शैक्षणिक और सामाजिक संस्थानों के रूप में नवीन पहलों को लागू करने का प्रयास कर रहे हैं। यह उपक्रम शिक्षा मंत्री उदय सामंत की उपस्थिति में शुरू हो रहा है। साथ ही उनके हाथों डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हॉल का उद्घाटन होना हमारे लिए आनंद की बात है. हम वीर विधवाओं के बच्चों, कोंकण बाढ़ में जरूरतमंद बच्चों, कोविड के कारण जान गंवाने वाले परिवारों के बच्चों, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले बच्चों (ब्लू कॉलर वर्कर्स) के साथ-साथ मुलशी तालुका में जरूरतमंद बच्चों की मदद मंत्री उदय सामंत के हाथ करके उन्हे शिक्षा के लिये प्रेरित रहे हैं।
एनआईपीएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्वेश कुलकर्णी ( इंडस्ट्रियल-एम्प्लॉयी स्पॉन्सरशिप), वेटरन्स इंडिया के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह (वीर विधवाओं के बच्चों की मदद), लायंस क्लब सीमा दाबके (कोविड द्वारा खोए परिवारों में बच्चों की मदद), सरपंच अमित तोडकर (ग्रामीण विकास योजना), लायन्स क्लब के पूर्व गवर्नर चंद्रहास शेट्टी (बाढ़ प्रभावित बच्चों की मदद) को विभिन्न योजनाओं के दस्तावेज मंत्री जी के हाथों दिए गए। कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रा. सुनील धाडीवाल, प्रा. अक्षित कुशल, रोशनी जैन, मिलिना राजे, अमोल चिदंबर, नितिन कामठेकर, रोहन जमदादे ने कड़ी मेहनत की।
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Ad

देश-दुनियाँ