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सदर अस्पताल में फाइलेरिया क्लीनिक शुरू, मरीजों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा

-सिविल सर्जन ने किया उदघाटन
-, हाईड्रोसील फाइलेरिया मरीजों को चिह्नित कर किया जाएगा ऑपरेशन
– फाइलेरिया यूनिट में समुचित स्वास्थ्य सुविधा की व्यवस्था रहेगी उपलब्ध

शेखपुरा-

बुधवार को सदर अस्पताल शेखपुरा में फाइलेरिया क्लीनिक (यूनिट) का शुभारंभ हुआ। जिसका उदघाटन सिविल सर्जन डाॅ पृथ्वीराज ने किया। यह क्लीनिक सदर अस्पताल के कमरा नंबर – 10 में शुरू किया गया है। इस मौके पर सिविल सर्जन ने कहा, अब मरीजों को आसानी के साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा। यह जिले वासियों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। क्लीनिक में समुचित चिकित्सकीय प्रबंधन की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। मरीजों को इलाज कराने में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। वहीं, उन्होंने बताया, इसके लिए पूरा स्थानीय स्वास्थ्य विभाग लंबे समय से प्रयासरत था । जिसका परिणाम आज मिला। इस सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग के तमाम पदाधिकारियों और कर्मियों का काफी सराहनीय योगदान रहा है। इस मौके पर डीपीएम श्याम कुमार निर्मल, भीडीसीओ श्याम सुंदर कुमार, केयर इंडिया के डीटीएल अभिनव कुमार, डीपीओ केयर इंडिया प्रमोद कुमार , भीबीडीएस मनोज कुमार साह , केयर के अभिषेक कुमार आदि मौजूद थे।
– फाइलेरिया से संक्रमित मरीजों की समय पर होगी जाँच और इलाज :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने डाॅ अशोक कुमार सिंह ने कहा, सदर अस्पताल में फाइलेरिया क्लीनिक खुलने से ना सिर्फ मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी बल्कि, समय पर जाँच और इलाज भी होगा। साथ ही समुचित दवाई भी उपलब्ध कराई जाएगी। हाईड्रोसील फाइलेरिया से संक्रमित मरीजों को चिह्नित कर उनका सफल ऑपरेशन भी किया जाएगा। मरीजों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो, इसके लिए क्लीनिक में एक चिकित्सक, एक मेडिकल स्टाफ की तैनाती समेत एम्बुलेंस सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है । ताकि मरीजों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके और सभी मरीज आसानी के साथ सुविधाओं का लाभ ले सकें।

– लक्षण दिखते ही कराएं जाँच, शुरुआती दौर में इलाज शुरू होने से मिल सकती है स्थाई निजात :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया, शुरुआती दौर में जाँच कराने और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श के अनुसार आवश्यक इलाज कराने से बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। इसलिए, मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि शुरुआती दौर में ही इलाज कराएं और बीमारी से स्थाई निजात पाएं। फाइलेरिया के शुरूआती लक्षण में बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग व उसके आसपास दर्द व सूजन की भी समस्या होती है। इसके अलावा हाथ और पैर में हाथी के पैर जैसी सूजन आ जाती है। इसलिए, इसे हाथी पाँव कहा जाता है।

– जिले में फाइलेरिया के 668 एक्टिव केस :
वहीं, डाॅ सिंह ने बताया, जिले में इस वर्ष 668 फाइलेरिया के मरीजों को चिह्नित किया गया है। जिसमें बीते अगस्त माह हाईड्रोसील फाइलेरिया से संक्रमित 71 मरीजों का सफल ऑपरेशन हो चुका है। जबकि, अक्तूबर माह में सौ से अधिक मरीजों का ऑपरेशन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर आईडीए कार्यक्रम शुभारंभ होने की भी संभावना है। जिसे सुनिश्चित करने को लेकर विभाग प्रयासरत है।

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