- शिवपाल सिंह यादव का फिर फूटा दर्द
लखनऊ, यूपी की आवाज।
बड़ी मुश्किल से 2022 के विधानसभा चुनाव में सैफई परिवार एक मंच पर दिखाई दिया था। चाचा शिवपाल सिंह यादव और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने-अपने मनभेद और मतभेद भुलाकर एक साथ चुनाव लड़ा। लेकिन अब एक बुरी खबर है। चाचा भतीजे के बीच फिर से दीवार खिचती दिखाई दे रही है। कहाँ शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी का नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की बात चल रही थी, लेकिन अब आज शनिवार को हुई विधायक दल की बैठक तक में चाचा शिवपाल को आमंत्रित नहीं किया गया। शिवपाल सिंह आज इटावा के लिए रवाना हो गये। मीडिया के सामने वे ज्यादा तो नहीं बोले, लेकिन दर्द तो छलका ही।
उत्तर प्रदेश में विपक्ष की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी से विधायक बने शिवपाल सिंह यादव पार्टी से नाराज हो गए हैं। दरअसल, शनिवार को समाजवादी पार्टी के विधायक दल की अहम बैठक होनी है। इस बैठक में तमाम विधायकों का आना है। माना जा रहा है कि सपा विधायक दल की बैठक में अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। हालांकि, इस बैठक में शिवपाल सिंह यादव को आमंत्रण नहीं भेजा गया है।
शिवपाल सिंह यादव आमंत्रण नहीं मिलने से नाराज हो गए हैं। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि वे समाजवादी पार्टी की विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। शिवपाल यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भाई और अखिलेश यादव के चाचा हैं। हालांकि, शिवपाल यादव ने अखिलेश के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बाद 2017 में समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ लिया था। उन्होंने प्रजातांत्रिक समाजवादी पार्टी बना ली थी। यूपी चुनाव 2022 में वे एक बार फिर अखिलेश यादव से जुड़े और जसवंतनगर सीट से सपा के सिंबल पर ही चुनाव लड़ा।
शिवपाल का आया बयान
नाराजगी की खबरों के मीडिया में चलने के बाद शिवपाल यादव सामने आए। उन्होंने कहा कि हमें समाजवादी पार्टी की बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है। मैं दो दिनों से निमंत्रण मिलने का इंतजार कर रहा हूं। पार्टी विधायक दल की बैठक को लेकर मैंने अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए। इसके बाद भी अब तक पार्टी की ओर से आमंत्रण नहीं मिला है। मैं समाजवादी पार्टी का विधायक हूं। इसके बाद भी आमंत्रण नहीं मिला। शिवपाल के बयान से साफ है कि सपा में उनके लिए जगह बनती नहीं दिख रही है। सवाल यह भी उठ रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी में एक्टिव नहीं होने देना चाहते हैं।
नाराजगी से बढ़ सकती है पार्टी की मुश्किलें
अखिलेश यादव ने यूपी चुनाव के बाद आजमगढ़ से सांसदी छोडक़र मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक बना रहना तय किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में दिखेंगे। हालांकि, पिछले दिनों इस पद को लेकर शिवपाल यादव का नाम भी उछला था। होली के मौके पर सैफई में मुलायम परिवार एक साथ नजर आया था। उस समय शिवपाल यादव को प्रो. रामगोपाल यादव का पैर छूते भी देखा गया था। इन दोनों की सियासी अदावत के किस्से काफी चर्चा में रहे हैं।
इन मामलों से माना जा रहा था कि मुलायम परिवार में सब कुछ ठीक हो गया है। लेकिन, अब एक बार फिर शिवपाल की नाराजगी की खबरें सामने आने लगी हैं। इससे विपक्ष को एक बड़ी ताकत के रूप में लेकर चलने की अखिलेश यादव की कोशिशों को झटका लगा सकता है। ऐसे में सपा की ओर से शिवपाल यादव को मनाने की कोशिश भी होती दिख सकती है।
चुनाव के समय में शिवपाल को दी गई थी तरजीह
शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी की ओर से यूपी चुनाव के समय में काफी तरजीह दी गई थी। जसवंतनगर का चुनाव समाप्त होने के बाद शिवपाल को सपा ने स्टार प्रचारक बनाया था। शिवपाल समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करते भी नजर आए थे। हालांकि, प्रसपा के कार्यकर्ताओं को टिकट न मिलने की टीस भी उनके मन में थी। चुनाव से पहले उन्होंने प्रसपा के 100 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारने की घोषणा की थी। लेकिन, भाजपा को रोकने के लिए उन्होंने कुर्बानी देने की बात कही।