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कायाकल्प की राज्यस्तरीय टीम ने पीरपैंती रेफरल अस्पताल का किया मूल्यांकन

-पटना से आई टीम रेफरल अस्पताल की व्यवस्था से दिखी संतुष्ट
-टीम में शामिल सदस्यों ने अस्पताल में एक-एक चीज की ली जानकारी

भागलपुर, 3 नवंबर-

कायाकल्प की राज्यस्तरीय टीम ने गुरुवार को पीरपैंती रेफरल अस्पताल का मूल्यांकन किया। पटना से आई कायाकल्प की टीम ने अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को देखा। एक-एक चीज की बारीकी से जानकारी ली। अस्पताल में साफ-सफाई से लेकर ओटी, लेबर रूम, पार्किंग, गार्डेन इत्यादि को जाना। राज्य स्तरीय मूल्यांकन के लिए आई कायाकल्प की टीम में केयर इंडिया पटना से डॉ. विकास पांडेय और राज्य स्वास्थ्य समिति से रंजन कुमार शामिल थे। उनके साथ जिला गुणवत्ता सलाहकार डॉ प्रशांत कुमार, केयर इंडिया के डीटीओ फैसिलिटी डॉ. राजेश मिश्रा और आलोक कुमार भी शामिल थे। इस दौरान अस्पताल प्रभारी डॉ. सुकेश कुमार, बीएचएम प्रणव और अकाउंटेंट समीर भी मौजूद थे। अस्पताल के मूल्यांकन के बाद राज्य स्तरीय टीम संतुष्ट दिखी। डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया कि पटना से आई टीम ने अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को परखा। एक-एक चीज की जानकारी ली। टीम के सदस्य अस्पताल की व्यवस्था से संतुष्ट दिखे। मुझे उम्मीद है कि इस बार पीरपैंती रेफरल अस्पताल कायाकल्प मूल्यांकन में बेहतर करेगा।
अस्पताल की व्यवस्था संतोषजनकः मूल्यांकन करने पटना से आए राज्य स्वास्थ्य समिति के रंजन कुमार ने बताया कि अस्पताल में सभी कुछ ठीक था। मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं संतोषजनक थी। सबसे अच्छी बात यह है कि यह अस्पताल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में स्थित है। बारिश के मौसम में यहां पर काफी पानी जमा हो जाता है। बारिश खत्म होने के बाद भी यहां पर पानी रहता है। इसके बावजूद यहां के स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को सेवा उपलब्ध करवाते हैं। यह बहुत ही सुखद अनुभव है। पानी के वक्त नाव के जरिये लोगों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना बहुत ही सकारात्मक बदलाव है। बड़ी बात यह है कि इस बात की पुष्टि यहां पर आने वाले मरीज कर रहे थे। अगर अस्पताल में आने वाले मरीज वहां की व्यवस्था से संतुष्ट हो तो यह बहुत ही महत्व रखता है। इसके लिए मैं अस्पताल के प्रभारी समेत सभी स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई देता हूं।
डेंगू के इलाज की भी थी व्यवस्थाः राज्य स्वास्थ्य समिति के रंजन कुमार ने बताया कि अस्पताल में डेंगू के इलाज तक की व्यवस्था थी। रेफरल अस्पताल में डेंगू के इलाज होने की व्यवस्था बहुत बड़ी बात है। अस्पतालों के ओपीडी से लेकर लेबर रूम तक साफ-सुथरे थे। मरीजों के लिए दवा उपलब्ध थी। इस तरह की ही व्यवस्था से लोगों की सोच बदल रही है। पहले लोग सरकारी अस्पताल में इलाज कराने से कतराते थे, लेकिन अब लोगों का भरोसा बढ़ा है। वह सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। उसका प्रमुख कारण यही है कि इन अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाएं बेहतर हुई हैं। मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सुविधाएं और भी बेहतर होंगी।

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