अपराध

साइबर, सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया में क्यों बढ़ रहे हैं अपराध, समाधान ?

आज का दौर डिजिटल क्रांति का है। स्मार्टफोन, इंटरनेट और सोशल मीडिया हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन जिस गति से तकनीक ने हमारी जिंदगी आसान की है, उसी तेजी से इसने अपराधियों को भी नए रास्ते दिए हैं। साइबर क्राइम, फेक न्यूज, ऑनलाइन ठगी, ट्रोलिंग — ये सब अब आम शब्द बन चुके हैं। सवाल है: आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?

अपराध बढ़ने के मुख्य कारण:

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपराधों के बढ़ते ग्राफ के पीछे कुछ खास वजहें हैं —

•डिजिटल साक्षरता की कमी: आम यूजर्स को इंटरनेट की बुनियादी सावधानियों की जानकारी नहीं होती।
•फर्जी अकाउंट्स का जाल: सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर अपराधी गुमनामी में रहते हुए वारदात करते हैं।
•व्यक्तिगत जानकारी की लापरवाही: फोटो, लोकेशन और बैंक डिटेल्स जैसी संवेदनशील जानकारियाँ सार्वजनिक कर दी जाती हैं।
•कानूनी जानकारी का अभाव: लोगों को यह भी नहीं पता कि साइबर अपराध की शिकायत कहाँ और कैसे करनी है।

इन माध्यमों से हो रहे प्रमुख अपराध:

•साइबर ठगी: फर्जी लिंक भेजकर पासवर्ड और OTP चुराना।
•डेटा चोरी और फिशिंग: नकली ईमेल के जरिए निजी जानकारी हासिल करना।
•साइबर बुलिंग: मानसिक उत्पीड़न और ट्रोलिंग।
•फेक न्यूज: झूठी खबरों से माहौल बिगाड़ना।
•मॉर्फिंग: फोटो या वीडियो से छेड़छाड़ कर बदनाम करना।
•फर्जी निवेश योजनाएं: स्टॉक या लोन के नाम पर ठगी।

बचाव के उपाय:

इन खतरों से बचने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है —
•सोशल मीडिया अकाउंट्स को प्राइवेट रखें।
•अंजान लिंक, कॉल या मैसेज से सावधान रहें।
•मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड बनाएं।
•2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें।
•सार्वजनिक Wi-Fi पर संवेदनशील जानकारी न डालें।
•अपनी निजी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचें।
•साइबर अपराध की स्थिति में www.cybercrime.gov.in या पुलिस में रिपोर्ट करें।

निष्कर्ष:

डिजिटल दुनिया में सुविधाओं के साथ-साथ खतरे भी बढ़े हैं। हमें तकनीक के साथ-साथ साइबर सुरक्षा के बारे में भी जागरूक रहना होगा। अगर हम सतर्क और सजग बनें, तो इन अपराधों से काफी हद तक बचा जा सकता है।
सावधान रहें, सुरक्षित रहें!
— विशेष रिपोर्ट: संदीप पटेल SPTM (सहसंपादक)

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