मानवीय संवेदना की मिसाल: डीएम रविन्द्र कुमार ने दिव्यांग दंपति को दिलाई राहत
आजमगढ़ — जिले में उस वक्त एक मार्मिक दृश्य देखने को मिला जब जहानागंज क्षेत्र के कुंजी गांव निवासी दिव्यांग दंपति अपनी पीड़ा लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे। पीठ पर पत्नी को लादे, घुटनों के बल रेंगते हुए अशोक कुमार ने जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचकर अधिकारियों से घर तक रास्ता दिलाने की गुहार लगाई।
अशोक कुमार और उनकी पत्नी सुमन दोनों ही जन्म से दिव्यांग हैं और अत्यधिक कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनके गांव में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है और उनके घर तक पहुंचने के लिए कोई पक्का रास्ता नहीं है। ऐसे में बरसात और गर्मी में उन्हें बेहद तकलीफों का सामना करना पड़ता है।
दंपति की दुर्दशा देखकर मौके पर मौजूद सभी लोग भावुक हो उठे। अशोक कुमार ने जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार को एक प्रार्थना पत्र सौंपते हुए कहा कि उन्होंने कई बार तहसील से लेकर चकबंदी विभाग तक गुहार लगाई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
इस पर संवेदनशीलता दिखाते हुए डीएम रविन्द्र कुमार ने तत्काल बंदोबस्त अधिकारी से फोन पर बात की और इस मामले को प्राथमिकता पर लेकर समाधान करने का निर्देश दिया। बंदोबस्त अधिकारी ने आश्वासन दिया कि चकबंदी प्रक्रिया के दौरान विशेष ध्यान देकर शिकायतकर्ता के घर तक रास्ता निकालने का प्रयास किया जाएगा।
यह घटना शासन-प्रशासन के प्रति जनता की उम्मीद और भरोसे की मिसाल बनकर सामने आई है। साथ ही यह भी दर्शाता है कि यदि जनप्रतिनिधि और अधिकारी संवेदनशील हों, तो समस्याओं का समाधान भी संभव है।
इस घटना से यह संदेश भी निकलता है कि प्रशासनिक व्यवस्था में मानवीय दृष्टिकोण और संवेदना कितनी जरूरी है।